भूतो की दिवाली – भूतो की कहानियाँ

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भूतो की दिवाली – भूतो की कहानियाँ। Bhooton ki Diwali

Bhooton ki diwali: एक समय की बात है एक सोनपुर गांव था जिसमें एक पति और पत्नी रहते थे दीपावली का समय था पति अपनी पत्नी से बोलता है कि दीपावली का टाइम है मैं कुछ पटाखे लेकर आता हूं जिसे बेचकर पैसे कमाएंगे।

पति के कहने पर पत्नी बोलती है कि ले आओ तब फटाका लेने शहर में चले जाता है शहर में खरीददारी करने में उसको काफी टाइम लग जाता है जिसकी वजह से उसे देर हो जाती है वह घर आता है तब रास्ते में एक जंगल भी पड़ता है वह अपनी साइकिल से जंगल पार कर रहा था।

तभी अचानक उसकी साइकिल की चैन उतर जाती हैं वह साइकिल कि चैन को ठीक करने लग जाता है पास में एक पेड़ के ऊपर एक चुड़ैल बैठी हुई थी उसने ही उसकी साइकिल की चैन उतारी थी। वह अपनी साइकिल की चैन को ठीक करने लग जाता है तब चुड़ैल ने उस साइकिल पर रखे पटाखे के बॉक्स को नीचे गिरा देती है।

जिससे पटाखे इधर-उधर बिखर जाते हैं वह आदमी साइकिल चैन को ठीक करके उन पटाखे के बॉक्स को वापस अपनी साइकिल पर रखकर अपने गांव लौटने लगता है तब ही चुड़ैल उस आदमी का पीछा करते हुए उस सोनपुर गांव पहुंच जाती है।

जैसे ही उस चुड़ैल ने गांव में प्रवेश किया तो उसको चारों तरफ रोशनी ही रोशनी दिखाई देती है तब उस चुड़ैल के मन में ख्याल आता है कि अभी दीपावली का समय है क्या बात है दीपावली का टाइम और वह खुश हो जाती है क्योंकि उस चुड़ैल को दीपावली काफी ज्यादा पसंद थी।

bhooton ki diwali

वह चुड़ैल उस आदमी के घर चली जाती है जो पटाखे लेकर आया था उस आदमी की पत्नी अपने पति को खाना खिला कर दोनों अपने रूम में सो जाते हैं कुछ समय बाद चुड़ैल उस पटाखे के बॉक्स को चुराकर बाहर लेकर आ आती है और उसमें से फटाके फोड़ने लग जाती है।

तब ही पति और पत्नी की नींद खुल जाती है और वह बाहर की ओर चले आते हैं तब ही देखते हैं कि उनकी उनके पटाखे की Box से सभी फटाके दिखे इधर-उधर बिखरे हुए हैं और कुछ पटाखे जल रहे हैं तब वह आदमी परेशान हो जाता है और बोलता है कि यह कौन है जो मेरे फटाके को चुरा कर लाया है।

तब ही पत्नी बोलती है कि अभी तक सभी फटाके जलाये नहीं गये हैं कुछ फटाके जलाए गए हैं बाकी फटाके एक जगह कर वापस बॉक्स में रखें वह आदमी उन सभी पटाखों को बॉक्स में रखकर वापस अपने घर में रख देता है। तब ही चुड़ैल कि बोलती है कि सभी फटाके अंदर ले गए अभी मैं क्या पटाखे फोड़ ऊं इसकी बात चुड़ैल वहां से चली जाती है

रास्ते में उसने एक मिठाई की दुकान को देखते हैं और बोलती है कि मिठाई की दुकान वह मिठाई की दुकान के पास जाती है और मिठाई खाना शुरु कर देती है एक मिठाई खाने पर बोलती है क्या स्वादिष्ट मिठाई है और वह मिठाई खाना फिर से शुरू कर देती है।

तब ही उस दुकान के आदमियों ने उस मिठाई की दुकान को बंद करने का निर्णय लिया कुछ समय बाद वह उस दुकान को बंद कर देता है वह चुड़ैल उस दुकान से आगे की ओर चले जाती है रास्ते में उसने एक कपड़े की दुकान देखती है वह कपड़े की दुकान के अंदर चली जाती है और अच्छे-अच्छे कपड़े देखकर वह सोचती है कि यह कपड़े मैं पहनूं तों तो मेरे को कितना अच्छा लगेगा वह एक कपड़ा उठाती है और कपड़े चेंज करने वाले रूम में जाकर कपड़े पहनने की कोशिश करती है।

तभी उस दुकान का मालिक पीछे से आ जाता है और उस चुड़ैल को देख लेता है वह चुड़ैल वैसे तो उसे नहीं दिखती परंतु शीशे में उसकी परछाई देखकर वह मालिक काफी डर जाता है और अपने नौकरों को आवाज देता है तभी उनके नौकर दौड़ कर उनके पास आते हैं और बोलते हैं क्या हुआ उन्होंने बोला कि मैंने अभी इस दुकान में एक चुड़ैल को देखा है।

उन्होंने लोगों ने बोला कि कुछ गलतफहमी हुई है मालिक ने बोला कि मैंने वास्तु में ही एक चुड़ैल को यहां पर देखा है उसके तुरंत बाद सभी लोग वहां से बाहर चले जाते हैं और बाहर से अपनी दुकान को बंद कर देते हैं वह चुड़ैल अंदर ही रह जाती है। कुछ समय बाद उस दुकान के मालिक ने एक तांत्रिक को बुलाते हैं जब वह तांत्रिक आता है तो कुछ मंत्र पढ़ने लगता है और दुकान की तरफ कुछ फेंकने लगता है उसके बाद उस चुडेल को उस दुकान से बाहर निकालता है।

चुड़ैल बहुत ही लाचार थी वह बार-बार बोल रही थी कि मैंने कुछ नहीं किया मुझे भस्म हम मत करो मैंने कुछ नहीं किया मैंने को भस्म मत करो इस बात को सुनकर तांत्रिक बोलता है कि यदि तुमने कुछ नहीं किया तो तुम्हारा इस दुकान में आने का क्या कारण था।

सेठ के साथ: Bhooton ki Diwali

तभी उस चुड़ैल ने उसके बारे में सभी बातें बताई थी मैंने एक व्यक्ति के पीछे इस गांव में आ गई और उसके बाद पटाखे फोड़े तो उस आदमी ने अपने पटाखे को लेकर घर चले गया उसके बाद मैंने मिठाई वाले की मिठाई खाना चाहिए तो मिठाई वाले ने पर दुकान बंद कर दी। उसके बाद में इस दुकान में आईं तो मेरा मन भी कपड़े पहनने को कहा और मैं कपड़े पहन रही थी।

तभी इस सेट ने मेरे को देख लिया और बाहर से दुकान बंद कर दी और मैं अंदर रह गई तभी तांत्रिक बोले कि मैं देख कर पता लगा सकता हूं कि कौनसी चुड़ैल किस प्रकार की है यह उन चुड़ैलों में से नहीं है जो किसी को परेशान करें।

उन सभी नौकर और मकान मालिक को तांत्रिक बो लता है कि आप इससे दिवाली मनाने दीजिए उसके बाद यह चली जाएगी चुड़ैल ने तांत्रिक ने बोला कि आप तुम मेरे से वादा करो कि दीपावली मनाने के बाद यहां से तुम चले जाओगे और उसके बाद कभी लौट कर नहीं आओगी।

तभी चुड़ैल ने बोली कि हां मैं वादा करती हूं कि दीपावली मनाने के बाद मैं इस गांव चलीं जाउंगी और कभी दोबारा लौट के नहीं आऊंगी सेठ ने उस चुड़ैल को अच्छे कपड़े और मिठाई और कुछ फटाके दिए और दीपावली की शुभकामना दी चुड़ैल ने सभी को धन्यवाद कहा और वहां से हमेशा के लिए चली जाती है इस प्रकार एक चुड़ैल ने अपनी दीपावली मनाई

शिक्षा: सभी भूत एक समान नहीं होते कुछ अच्छे भी होते हैं

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