इस लेख में हम hanuman chalisa के बारे में बात करने वाले है और hanuman chalisa pdf को डाउनलोड कहा से करना है इसके बारे में भी जानकारी मिलने वाली है इसके अलावा hanuman chalisa pdf download करके पढने से क्या – क्या लाभ मिलते है
इन सभी के बारे में वर्णन करने वाले है यदि आप हनुमान जी के सच्चे भक्त है तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े , यह आपके लिए काफी अच्छा होने वाला है। माना जाता है की हनुमान जी एक ऐसे देव है जो कलियुग में जीवित है। वह अपने भक्तो की पुकार सुनकर उनकी हर समय मदद करते है। और अपने भक्तो की हर मनोकामना पूरी करते है।
कहा जाता है जी जब भगवान् श्री राम धाम बैकुण्ड जाते समय श्री हनुमान जी को भक्तो की पुकार सुनने के लिए उन्हें पृथ्वी लोक पर रहने का आदेश मिला था ,
लेकिन जब हनुमान जी ने भी अपने प्रभु श्री राम से एक वजन मांगा की जहां भी श्री राम भक्त का गुणगान हो वहां में विधमान रहकर भक्ति का आनंद ले सकू। जब से जिस भी जगह इस प्रकार के भजन कीर्तन होते है जो श्री हनुमान किसी न किसी रूप में जरूर होते है
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अधिक लोग हनुमान जी के दर्शन करने शनिवार, और मंगलवार को मंदिर जाते है , जो इंसान हनुमान जी की आराधना करता है उसके जीवन में कभी किसी बात की कोई कमी नहीं होती है।
उदहारण के लिए:-
तुलसीदास जी ने हनुमान जी की भक्ति के कारण भगवान् राम जी के दर्शन प्राप्त हुए थे , दूसरा शिवाजी महाराज के गुरू समर्थ रामदास के बारे में सुना ही होगा उन्हें भी श्री हनुमान जी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

कहा जाता है की जहां पर राम कथा का आयोजन होता है वह भगवान् श्री हनुमान राम कथा सुनने जरूर आते है चाहे वो किसी भी रूप में क्यों ना हो।
तुलसीदास जी ने श्री राम भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा लिखा था । जो की बहुत ही सरल और आसान से पढ़ा और समझा जा सकता है, यदि जो भी इंसान नियमित रूप से हनुमान चालीसा का जप करते है। उस पर राम भक्त हनुमान जी की कृपा हमेशा बनी रहती है। हनुमान चालीसा के काफी लाभ और चमत्कारी देखने को मिलते है
यदि आप को पता नहीं है की श्री राम भक्त हनुमान चालीसा कहा से पढ़े तो उसके लिए आप hanuman chalisa pdf in hindi में डाउनलोड करके पढ़ सकते है।
Hanuman Chalisa || हनुमान चालीसा ||
दोहा :
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
(हिंदी अर्थ- श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर (श्री राम) के निर्मल यश का वर्णन करता हूं, जो की चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला है।)
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
(हिंदी अर्थ- हे राम भक्त हनुमान ! मैं आपको सुमिरन करता हूं। आप तो सभी जानते ही हैं कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि एवं ज्ञान प्रदान कीजिये और मेरे दुखों व दोषों का नाश कीजिये।)
चौपाई :-
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
(हिंदी अर्थ– श्री राम भक्त हनुमान आपकी जय हो। आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।)
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
(हिंदी अर्थ– हे पवनसुत अंजनी नंदन! आपके समान दूसरा बलवान और कोई नहीं हैं।)
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
(हिंदी अर्थ– हे महावीर बजरंग बली!आप विशेष पराक्रम वाले वीर हैं। आप भष्ट बुद्धि को दूर करते हैं, और अच्छी बुद्धि वालों के साथी, सहायक हैं।)
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
(हिंदी अर्थ- हे राम भक्त हनुमान ! आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं।)
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान ! आपके हाथ में बज्र और ध्वजा है और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है।)
संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान ! आप शंकर के अवतार! हे केसरी नंदन आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर में वन्दना होती है।)
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान ! आप प्रकान्ड विद्या निधान हैं, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम के काज करने के लिए आतुर रहते हैं।)
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान ! आप श्री राम चरित सुनने में आनन्द रस लेते हैं। श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय में बसे रहते हैं।)
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
( हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! आपने अपना बहुत छोटा रूप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके लंका को जलाया।)
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! आपने विकराल रूप धारण करके राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उद्देश्यों को सफल कराया।)
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जिलाया जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया।)
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा कि तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो।)
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से लगा लिया कि तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय है।)
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
(हिंदी अर्थ- हे राम भक्त हनुमान! श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुण गान करते हैं।)
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
(हिंदी अर्थ- हे राम भक्त हनुमान! यमराज, कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।)
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
(हिंदी अर्थ- हे राम भक्त हनुमान! आपने सुग्रीव जी को श्रीराम से मिलाकर उपकार किया, जिसके कारण वे राजा बने।)
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
(हिंदी अर्थ- हे राम भक्त हनुमान! आपके उपदेश का विभिषण जी ने पालन किया जिससे वे लंका के राजा बने, इसको सब संसार जानता है।)
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है कि उस पर पहुंचने के लिए हजार युग लगे। दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझकर निगल लिया।)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! आपने श्री रामचन्द्र जी की अंगूठी मुंह में रखकर समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है।)
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! संसार में जितने भी कठिन से कठिन काम हो, वो आपकी कृपा से सहज हो जाते है।)
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! श्री रामचन्द्र जी के द्वार के आप रखवाले हैं, जिसमें आपकी आज्ञा बिना किसी को प्रवेश नहीं मिलता अर्थात् आपकी प्रसन्नता के बिना राम कृपा दुर्लभ है।)
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! जो भी आपकी शरण में आते हैं, उस सभी को आनन्द प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक हैं, तो फिर किसी का डर नहीं रहता।)
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! आपके सिवाय आपके वेग को कोई नहीं रोक सकता, आपकी गर्जना से तीनों लोक कांप जाते हैं।)
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! जहां महावीर हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है, वहां भूत, पिशाच पास भी नहीं फटक सकते।)
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! वीर हनुमान जी! आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते हैं और सब पीड़ा मिट जाती है।)
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! विचार करने में, कर्म करने में और बोलने में, जिनका ध्यान आपमें रहता है, उनको सब संकटों से आप छुड़ाते हैं।)
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! तपस्वी राजा श्री रामचन्द्र जी सबसे श्रेष्ठ हैं, उनके सब कार्यों को आपने सहज में कर दिया।)
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करें तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन में कोई सीमा नहीं होती।)
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! चारो युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग में आपका यश फैला हुआ है, जगत में आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है।)
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
(हिंदी अर्थ- हे राम भक्त हनुमान! हे श्री राम के दुलारे! आप सज्जनों की रक्षा करते है और दुष्टों का नाश करते है।)
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते
है।)
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण में रहते हैं, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है।)
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! आपका भजन करने से श्री राम जी प्राप्त होते हैं और जन्म जन्मांतर के दुख दूर होते हैं।)
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते हैं और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलाएंगे।)
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! हे हनुमान जी! आपकी सेवा करने से सब प्रकार के सुख मिलते हैं, फिर अन्य किसी देवता की आवश्यकता नहीं रहती।)
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! हे वीर हनुमान जी! जो आपका सुमिरन करता रहता है, उसके सब संकट कट जाते हैं और सब पीड़ा मिट जाती हैं।)
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! आपकी जय हो, जय हो, जय हो! आप मुझ पर कृपालु श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए।)
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करेगा वह सब बंधनों से छूट जाएगा और उसे परमानन्द मिलेगा।)
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! भगवान शंकर ने यह हनुमान चालीसा लिखवाया, इसलिए वे साक्षी हैं, जो इसे पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।)
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! तुलसीदास सदा ही श्री राम का दास है। इसलिए आप उसके हृदय में निवास कीजिए।)
दोहा :
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
(हिंदी अर्थ– हे राम भक्त हनुमान! हे संकट मोचन पवन कुमार! आप आनंद मंगलों के स्वरूप हैं। हे देवराज! आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय में निवास कीजिए।)
Doha
Shri Guru Charan Saroj raj Nija manu Mukura sudhari।
Baranau Raghuvar Bimal Jasu Jo Dayaku Phala Chari।।
Budheeheen Tanu Jannike Sumiro Pavan Kumara।
Bal Buddhi Vidya Dehoo Mohee Harahu Kalesh Vikaar।।
Chaupaii
Jai Hanuman gyan gun sagar।
Jai Kapis tihun lok ujagar।।
Ram doot atulit bal dhama।
Anjani putra Pavan sut nama।।
Mahabir vikram Bajrangi।
Kumati nivar sumati Ke sangi।।
Kanchan varan viraj subesa।
Kanan Kundal Kunchit Kesha।।
Hath Vajra Aur Dhwaja Viraje।
Kaandhe moonj janeu saaje।।
Sankar suvan kesri Nandan।
Tej prataap maha jag vandan।।
Vidyavaan guni ati chatur।
Ram kaj karibe ko aatur।।
Prabhu charitra sunibe ko rasiya।
Ram Lakhan Sita man Basiya।।
Sukshma roop dhari Siyahi dikhava।
Vikat roop dhari lank jalava।।
Bhim roop dhari asur sanhare।
Ramachandra ke kaj sanvare।।
Laye Sanjivan Lakhan Jiyaye।
Shri Raghuvir Harashi ur laye।।
Raghupati Kinhi bahut badai।
Tum mama priya Bharat-hi-sam bhai।।
Sahas badan tumharo yash gaave।
As kahi Shripati kanth lagaave।।
Sankadhik Brahmaadi Muneesa।
Narad Sarad sahit Aheesa।।
Yam Kuber Dikpaal Jahan te।
Kavi kovid kahi sake kahan te।।
Tum upkar Sugreevahin keenha।
Ram milaye rajpad deenha।।
Tumhro mantra Vibheeshan maana।
Lankeshwar Bhaye Sab jag jana।।
Yug sahasra yojan par Bhanu।
Leelyo tahi madhur phal janu।।
Prabhu mudrika meli mukh mahee।
Jaladhi langhi gaye achraj nahee।।
Durgam kaj jagat ke jete।
Sugam anugraha tumhre tete।।
Ram duwaare tum rakhvare।
Hot na agya binu paisare।।
Sab sukh lahai tumhari sarna।
Tum rakshak kahu ko darna।।
Aapan tej samharo aapai।
Teenon lok hank te kanpai।।
Bhoot pisaach Nikat nahin aavai।
Mahavir jab naam sunavai।।
Nase rog harae sab peera।
Japat nirantar Hanumat beera।।
Sankat se Hanuman chhudavai।
Man Kram Vachan dhyan jo lavai।।
Sab par Ram tapasvee raja।
Tin ke kaj sakal Tum saja।।
Aur manorath jo koi lavai।
Soi amit jeevan phal pavai।।
Charon jug partap tumhara।
Hai parsiddh jagat ujiyara।।
Sadhu Sant ke tum Rakhware।
Asur nikandan Ram dulare।।
Ashta siddhi nav nidhi ke data।
As var deen Janki mata।।
Ram rasayan tumhare pasa।
Sada raho Raghupati ke dasa।।
Tumhare bhajan Ram ko pavai।
Janam janam ke dukh bisraavai।।
Antkaal Raghuvar pur jayee।
Jahan janam Hari Bhakt Kahayee।।
Aur Devta Chitt na dharahin।
Hanumat sei sarv sukh karahin।।
Sankat kate mite sab peera।
Jo sumirai Hanumat Balbeera।।
Jai Jai Jai Hanuman Gosain।
Kripa Karahun Gurudev ki nayin।।
Jo shat bar path kare koi।
Chhutahin bandi maha sukh hoi।।
Jo yeh padhe Hanuman Chalisa।
Hoye siddhi saakhi Gaureesa।।
Tulsidas sada hari chera।
Keejai Nath Hriday mahn dera।।
Doha
Pavan Tanay Sankat Harana Mangala Murati Roop।
Ram Lakhan Sita Sahita Hriday Basahu Soor Bhoop।।
हनुमान चालीसा पढने के फायदे | Hanuman chalisa
hanuman chalisa padhne ke fayde:यदि आप भी राम भक्त हनुमान के सच्चे भक्त है तो नियमित रूप से hanuman chalisa pdf hindi में पढ़कर अपनी इच्छाएं प्राप्त क़र सकते है आइये जानते है जो राम भक्त हनुमान जी की दिल से भक्ति करते है और नियमित hanuman chalisa पढ़ते है उनको क्या क्या लाभ प्राप्त होते है।
- 1 . जब भी आप किसी विकट संकट में पड़ जाते है और यदि आप hanuman chalisa का जप करते है तो आप के सभी संकट , संकटमोचन हर लेते है।
- 2. यदि आप सच्चे मन से भक्ति करते है तो प्रभु श्री राम और श्री हनुमान के दर्शन मिलने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
- 3. यदि आप हनुमान जी के भक्त है तो आप पर शनि देव के प्रकोप से दूर रहते है क्योकि शनि देव राम भक्तो को किसी भी प्रकार का कोई नुक्सान नहीं पहुंचते है।
- 4. यदि अपने घर में नियमित रूप से hanuman chalisa पढ़ते है तो हमेशा काली शक्तियों का भय नहीं रहेगा।
- 5.यदि आप सच्चे दिल से प्रभु की सेवा करते है तो आप को स्वर्ग प्राप्त होता है।
- 6. जो hanuman chalisa का जप करते है उसके परिवार में हमेशा सुख और शांति बनी रहती है।
- 7. नियमित ध्यान करके भक्ति करते है तो आप के व्यापार में हमेशा चलता रहेगा।
- 8. नियमित रूप से हनुमान जी की भक्ति करने से मन को शांति मिलती है और कार्य सही से किया जाता है।
- 9. जो लोग राम भक्त हनुमान जी के भक्त है उनके साथ हमेशा प्रभु की कृपा बनी रहती है।
- 10. यदि आप नियमित रूप से हनुमान चालीसा का जप करते है तो आप का जीवन धन्य होता है।
यदि आप नियमित हनुमान चालीसा का जप करते है तो आपके सभी काम सिद्ध होते है। इस लिए hanuman chalisa पढ़ना काफी अच्छा माना जाता है।
यदि आप के पास hanuman chalisa नहीं है तो आपको टेंशन लेने की जरूत नहीं है आप अपने मोबाइल फ़ोन की मदद से भी हनुमान चालीसा पढ़ सकते है उस के लिए आप hanuman chalisa pdf download करना होगा।
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FAQ- Hanuman Chalisa pdf
हनुमान चालीसा में कितनी चौपाइ है?
हनुमान चालीसा में 40 चौपाइ है।
हनुमान चालीसा के रचयिता कौन है?
हनुमान चालीसा के रचयिता श्री गोस्वामी तुलसीदास हैं।