जादुई नींबू का पेड़ रहस्यमय कहानी 

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जादुई नींबू का पेड़ रहस्यमय कहानी – Jadui Nimbu Ka Ped | Panchtantra ki kahani hindi

Panchtantra ki kahani hindi: एक समय की बात है एक गांव में एक परिवार रहता था उस परिवार में 3 भाई रहते थे तीनो भाइयों की अभी तक शादी नहीं हुई थी तीनों गांव में खेती करते थे बड़े वाले का नाम अमन, उससे बाद वाले का मोहन और सबसे छोटा भाई राजू था। अमन और मोहन काम करने में बहुत ही कंजूस थे अर्थात कामचोर थे वह छोटे भाई से ही काम करवाते थे । जब भी कोई खेती का काम हो या लकड़ी काटने का या किसी प्रकार का अन्य काम हो वह छोटे भाई राजू को ही काम करने के लिए बोलते थे और बड़े भाई दोनों आराम करते थे। more

एक दिन अमन मोहन और राजू तीनो भाई खेत पर निकल जाते हैं उस समय खेतों में खुदाई का समय चल रहा होता है अमन और मोहन दोनों भाई एक पेड़ के नीचे बैठ जाते हैं और छोटे भाई को खेत खोदने के लिए बोलते हैं छोटा भाई राजू अपने बड़े भाई का कहना मानता था वह किसी भी प्रकार से उनके द्वारा काम बताए जाने पर मना नहीं करता था।

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जब राजू खेत खोद रहा होता है उस समय मोहन और अमन दोनों राजू को बोलते हैं कि राजू खेत खोदने के बाद जंगल से लकड़ियां लाना है राजू बोलता है ठीक है भैया मैं जंगल से लकड़ियां लेकर आ जाऊंगा उसके बाद राजू खेत खोदकर जंगल में लकड़ियां काटने चला जाता है कड़ी मेहनत के बाद राजू जंगल से लकड़ियां काट कर वापस आता है तो रास्ते में एक मुनिराज पेड़ के नीचे बीमार अवस्था में लेटे हुए होते हैं।

तब राजू उस मुनिराज को बोलता है कि हे मुनिराज क्या आप बीमार है मुनिराज बोलता है कि हां मैं बीमार हूं और मुझे काफी ज्यादा ठंड लग रही है राजू बोलता है कि मैं क्या आपकी कोई हेल्प कर सकता हूं मुनिराज बोलता है कि मुझे कुछ लकड़ियां चाहिए जिससे मैं आग जलाकर अपने शरीर की ठंड को कम कर सकूं। उसके बाद राजू अपने लकड़ियों का बंडल उस मुनिराज के पास रख कर उसमें से लकड़ियां निकालकर आग जलाने लग जाता है। तब मुनिराज बोलता है कि तुम बड़ी मेहनत करके यह लकड़ियां काटकर लेकर आए हो तब राजू बोलता है कि मनराज आप इसकी टेंशन ना लो आप अपनी ठंड को कम करो।

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उसके बाद राजू आग जलाकर उस मुनिराज के शरीर की ठंड को कम करता है राजू बोलता है कि क्या कोई ऐसी दवाई है जिससे आप ठीक हो सके तब मुनिराज बोलता है कि हां एक ऐसी दवा है यदि वह मुझे मिल जाए तो मैं तुरंत ही ठीक हो जाऊंगा लेकिन उसको लाना बहुत कठिन है राजू बोलता है कि उसकी टेंशन ना लो आप मेरे को बता दो कि वह चीज अर्थात वह जड़ी बूटी कहां मिलेगी।

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मुनिराज बोलता है कि इस नदी के उस पार एक पेड़ पर लाल फल के रूप में औषधि है जिससे मैं ठीक हो सकता हूं इतना सुनने के बाद राजू वहां से चला जाता है नदी का पानी ठंडा होने के कारण कुछ घबराता है परंतु वह नदी में छलांग लगाकर नदी के उस पार से वह फल लेकर आ जाता है और उस मुनिराज को दे देता है जब मुनिराज वह फल खाता है तो वह एकदम स्वस्थ हो जाता है उसके बाद मुनिराज उसे आशीर्वाद देता है कि हमेशा आप का कल्याण हो।

उसके बाद राजू अपने घर चले जाता है घर जाने पर अमन और मोहन उस पर चिल्लाने लगते हैं कि तुमने इतना टाइम लगा दिया उसके बाद भी लकड़िया लेकर नहीं आए जब राजू ने अमन और मोहन को पूरी बात बताई फिर भी उन लोगों को कुछ समझ नहीं आया और राजू को बोलने लगे कि तुम अभी खाना पकाने के लिए लकड़ियों का इंतजाम करो तब राजू बोलता है कि हां मैं लकड़ियों का इंतजाम कर दूंगा भैया उसके बाद जैसे तैसे करके राजू ने लकड़ियों की व्यवस्था करके खाना बनाकर खाया।

दूसरे दिन सूचना मिली की राजा की राजकुमारी बीमारी काफी बीमारी से ग्रसित है यदि कोई व्यक्ति उसकी जान बचाने में कामयाब होता है तो उसे आधा राज्य और उस राजकुमारी से उस युवक कि शादी करा दी जाएंगी यह बात तीनों भाइयों ने सुनी तब अमन और मोहन राजा के दरबार में चले जाते हैं और अमन बोलता है कि महाराज आपके राजकुमारी का इलाज में कर सकता हूं उसके लिए मैं कुछ जड़ी बूटियां लेकर आता हूं राजा बोला कि यदि तुम राजकुमारी को ठीक कर सकते हो तो मैं आधा राज्य और राजकुमारी के साथ विवाह आपके साथ कर दूंगा।

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उसके बाद अमन उस मुनिराज के पास चला जाता है और मुनिराज से बोलने लगता है कि राजकुमारी के इलाज के लिए क्या कोई जड़ी बूटी है तब मुनिराज बोलता है कि हां एक जड़ी बूटी है लेकिन वह काफी दूर और पहाड़ के ऊपर है वहां पर आपको एक नींबू का पेड़ मिलेगा वहां से आप नींबू का रस राजकुमारी को पिलाते हैं राजकुमार ठीक हो जाएगी लेकिन ध्यान रहे जब नींबू के पेड़ के पास जाओगे और आपने किसी भी प्रकार का अपने मन में ख्याल लाते हो तो वह आपको वही प्राप्त कर आएगा।

उसके बाद दोबारा आप उस फल को प्राप्त नहीं कर सकते इतना सुनने के बाद अमन वहां से नींबू लेने के लिए पहाड़ पर चले गया काफी हैरान होने के बाद उसे पेड़ के दर्शन हुए उस पेड़ को देखकर अमन सोचता है कि मेरे को काफी ज्यादा भूख लग रही है खास यदि यह सेब का पेड़ होता। उतने में ही वह नींबू का पेड़ सेब के पेड़ में परिवर्तन हो जाता है और सेब अमन के हाथ में आ जाता है इस प्रकार से अमन फल लाने में नाकामयाब हो जाता है।

दूसरा भाई मोहन राजा को बोलता है कि महाराज मैं इसका इलाज करूंगा उसके बाद वह भी मुनिराज के पास जाकर बोलता है जब मुनिराज ने औषधि के लिए वही नींबू का पेड़ बताया तो मोहन भी उसी प्रकार उस नींबू के पेड़ की तलाश में पहाड़ के ऊपर चले गया जब वह नींबू का पेड़ को देखता है तो बोलता है कि खास यह बरगद का पेड़ होता तो मैं आराम से सो पाता।

उसके बाद नींबू का पेड़ बरगद के पेड़ में परिवर्तन हो जाता है और अमन मोहन उस बरगद के पेड़ के नीचे आराम करने लगता है। मोहन भी इस काम में नाकामयाब रहता है । सबसे छोटा भाई राजू काफी मेहनती और ईमानदार लड़का था वह राजदरबार में रहता है तब उसको राजा बुलाता है कि आप क्या राजकुमारी के लिए कुछ नहीं कर पाओगे तब राजू बोलता है कि महाराज मैं कुछ करता हूं जिससे राजकुमारी ठीक हो जाए लेकिन उसके लिए मेरे को बाहर जाकर आना होगा राजा ने बोला कि ठीक है आप जहां से भी दवा लेकर आना चाहते हो वहां से आप ले आ सकते हो।

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जादुई नींबू का फल: Panchtantra ki kahani hindi

उसके बाद राजू राज दरबार से निकलकर उस मुनिराज के पास चला जाता है मुनिराज को बोलता है कि हे मुनिराज मुझे कुछ ऐसी औषधि बताओ जिससे मैं राजकुमारी को ठीक कर सकूं मुनिराज ने बताया कि तुम उस पहाड़ के ऊपर एक जादुई नींबू का पेड़ है वहां से तुम उस फल को तोड़कर उस का रस राजकुमारी को पिलाओगे तो वह तुरंत ठीक हो जाएगी। लेकिन ध्यान रखना उसके पेड़ के पास जाने पर किसी भी प्रकार का मन में विचार नहीं रखना है यदि तुम किसी प्रकार का मन में विचार रखते हो तो वह जादुई नींबू का पेड़ उसी में ही परिवर्तन हो जाएगा और तुमको फल नहीं मिलेगा।

राजू मुनिराज से आशीर्वाद लेकर उस जादुई नींबू के पेड़ की तलाश में चला जाता है पहाड़ को चढ़ने पर राजू को काफी परेशानियां होती है लेकिन फिर भी राजू पहाड़ के ऊपर चला जाता है और जैसे ही नींबू का पेड़ सामने देखता है और बोलता है कि मैं जल्द ही मुझे इस नींबू के पेड़ से नींबू लेकर राजकुमारी को ठीक करना होगा। उसके बाद राजू के हाथ में जादुई नींबू के पेड़ से नींबू टूटकर राजू के हाथ में आ जाता है राजू उस फल को लेकर राजमहल में चला जाता है और उस जादुई नींबू का रस निकालकर राजकुमारी को जैसे ही पिलाता है तो उसके बाद राजकुमारी पहले की तरह स्वस्थ हो जाती है।

राजा बहुत खुश होता है वह अपनी शर्त के मुताबिक अपना आधा राज्य और अपनी राजकुमार की शादी उस राजू से कर देता है इस प्रकार से राजू अपनी मेहनत और साहस के माध्यम से उन दोनों भाइयों से काफी आगे निकल जाता है। 

शिक्षा: निस्वार्थ भाव और दिल से की गई मेहनत का फल काफी अच्छा होता है 

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