शारदीय नवरात्रा के महत्व, लाभ, शुभ मुहूर्त एवं व्रत विधि | Shardiya Navratri 2022
क्या आप जानते हैं कि shardiya Navratri 2022 vart Niyam, नवरात्रा के महत्व एवं व्रत विधि। इस लेख में आप जानेंगे कि नवरात्रा के महत्व, शुभ मुहूर्त, एवं व्रत विधि और नवरात्रा सार आदि, के बारे में बात करने वाले हैं। जिससे आपके ऊपर माता रानी की अच्छी कृपा बनी रहे आइए जानते हैं.
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नवरात्रा का सार |Shardiya Navratri 2022
यदि आप मां दुर्गा की पूजा व आराधना करते हैं, तो आपको आराधना में दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें। यह मां दुर्गा देवी के भक्तों के लिए बहुत ही शुभ व काफी लाभकारी माना जाता है। दुर्गा सप्तशती लेख को मार्कंडेय पुराण में काफी अच्छी तरह उल्लेख किया गया है मां दुर्गा शक्ति की आराधना व उपासना के लिए दुर्गा सप्तशती श्रेष्ठ ग्रंथ माना जाता है।
इस ग्रंथ के अंदर 700 श्लोक और 13 अध्याय में शामिल है। शारदीय नवरात्रि में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा उपासना की जाती है। इसके साथ ही मां दुर्गा देवी की आराधना कर के भक्त लोग मां की कृपा प्राप्त करते हैं।
नवरात्रा शुभ मुहूर्त
नवरात्रा शुभ मुहूर्त 2022- शारदीय नवरात्रा 26 सितंबर 2022 सोमवार से शुरू होने जा रहे हैं। हिंदू संस्कृति में किसी शुभ कार्य को बिना किसी मुहूर्त के शुरू नहीं करते। फिर ये तो नवरात्रा एवं मां दुर्गा प्रतिमा एवं कलश स्थापना बिना किसी मुहूर्त के कैसे किया जा सकता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार नवरात्रा में मां दुर्गा की प्रतिमा और कलश स्थापना का मुहूर्त 26 सितंबर को सुबह 6:22 से 7:53 के बीच का समय बताया गया है लेकिन सुबह 9:23 से 10:59 के बीच के समय को भी शुभ माना जा रहा है।
इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त 11:59 से 12:47 तक का बताया जा रहा है।आप इन तीनों शुभ मुहूर्त में से किसी पर भी मां की प्रतिमा और कलश की स्थापना की जा सकती है। नवरात्रा पूजा आराधना के साथ मां दुर्गा प्रतिमा की स्थापना करें।
नवरात्रा में दान का महत्व
सनातन धर्म में नवरात्रा का काफी महत्व बताया गया है। इस धर्म की मान्यता है, कि यदि मनुष्य पुण्य ही पुण्य जैसा कर्म करें और पाप ना करें तो उसकी जीवन सीमा समाप्त होने के बाद भटकना नहीं पड़ता है। उसे सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है। और यदि पाप करते हैं तो उसे भटकना पड़ता है। इसलिए यदि नवरात्रा के दौरान उपासना के दिनों मनुष्य सद्कर्मों के साथ दान करता है, तो उसे काफी अच्छा लाभ मिलता है। इससे आपको पुण्य करने का भी सौभाग्य प्राप्त होगा।
शारदीय नवरात्रा व्रत विधि
नवरात्रा को एक पवित्र पर्व माना जाता है। इस उत्सव को अश्विन मास में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक इस उत्सव को मनाया जाता है। नवरात्रा 9 दिनों तक मां दुर्गा की उपासना आराधना भक्तों द्वारा की जाती है। भक्त लोग मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए दो प्रकार से व्रत रखना पसंद करते हैं।
पहला व्रत – इस विधि में कुछ लोग व्रत में फलाहार लेना पसंद करते हैं। और कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जो लौंग लेकर मां दुर्गा की उपासना करते हैं लोंग के चार भाग करके पूरे दिन में उन्हें का ही उपयोग करके आराधना करते हैं।
दूसरी व्रत विधि- कुछ लोग ऐसे होते हैं जो किसी कारण के होने से 9 दिन का व्रत नहीं कर पाते हैं, तो वह लोग पहला व लास्ट नवरात्रा का व्रत करके दान पुण्य करके माता रानी की कृपा प्राप्त करते हैं।
Navratri 2022 Durga Mata ki Arti and Durga Saptashati Path Benifits
shardiya navratri ke labh bataiye शारदीय नवरात्रों में विशेष रूप से मां दुर्गा की उपासना और आराधना की जाती है। इसमें कई मंत्रों का जाप किया जाता है। जो लोग सच्चे मन से मां दुर्गा सप्तशती पाठ के मंत्रों का जाप करते हैं। उन्हें विशेष रूप से या उनके साथ के जितने भी कष्ट है वो माता दुर्गा देवी द्वारा हर लिया जाता है। और उन्हें अच्छे लाभों की प्राप्ति होती है। मां दुर्गा के सप्तशती पाठ को करते समय सही नियम से करें, तभी आपको अच्छे लाभ प्राप्त हो पाएंगे।
नवरात्रा में ध्यान रखने योग्य बातें
1.मां दुर्गा प्रतिमा स्थापन का सही जगह चुनाव करें।
2. नवरात्रा में 9 दिनों तक लहसुन व प्याज का उपयोग नहीं करना चाहिए।
3. नवरात्रा व्रत करने वालों को मांसाहारी भोजन कदापि नहीं करना चाहिए।
4. नवरात्रा व्रत करते समय शराब और धूम्रपान जैसी आदतें को त्याग करना चाहिए।
5. नवरात्रा व्रत के समय जो लोग बात कर रहे हैं उन्हें चमड़े का उपयोग नहीं करना चाहिए, चाहे वह बेल्ट हो या पर्स।
6.नवरात्रा में घर को खाली नहीं छोड़ना चाहिए जहां आप नवरात्रा कर रहे हैं।
7. अखंड ज्योति हमेशा जलाकर रखें।
8. नवरात्रा के रोज दुर्गा चालीसा दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
9. पूजा करने के समय लाल कपड़े का धारण करें।
10. नवरात्रा में जुट या उन के आसन का उपयोग करें।
नवरात्रा के दौरान 9 दिनों तक अलग-अलग रूपों में मां दुर्गा देवी की पूजा की जाती है जिनके नाम कुछ इस प्रकार है-
प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
द्वितीय दिन बह्राचारीणी की पूजा की जाती है।
तृतीय दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।
चतुर्थ दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है।
पंचम दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
षष्ठ दिन मां कात्या मिनी की पूजा की जाती है।
सप्तम दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।
अष्टम दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है।
नवमी दिन मां सिद्धदात्री देवी पूजा की जाती है।
इस नवरात्रा के पावन पर्व पर महिलाओं को पुरुष दोनों ही बड़ी श्रद्धा भाव के साथ व्रत करते हैं, और माता रानी की कृपा प्राप्त करते हैं। यदि आप भी सच्चे दिल से माता रानी की आराधना उपासना करते हैं। तो इसका फल आपको अवश्य मिलता है।
Conclusion
इस लेख में हमने जाना shardiya Navratri 2022 में माता रानी के, नवरात्रा के महत्व, शुभ मुहूर्त व्रत विधि और नवरात्रा करते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। तथा नवरात्रा के 9 दिनों तक किन किन देवियों की पूजा की जाती है, और नवरात्रा के करने से क्या लाभ प्राप्त होते है। इन सभी के बारे में अच्छे से जानने की कोशिश की है Star in Hindi कि तरफ से आप सभी को शुभ नवरात्रा कि हार्दिक शुभकामनाएं, पसंद आया तो अपने दोस्तों को शेयर करें वह comment करें।
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