आज हम इस लेख में short story in Hindi For Kids के बारे में बात करते वाले है। कहानियाँ अधिकतर बच्चे लोग देखना पसंद करते है । इस लेख में वो कहानियाँ है जिससे आप अपने बच्चो को एक नई प्रेणा के बारे में बता सकते है । यदि आप इन कहानियों को अपने बच्चे को पढ़कर उसे समझते है तो आप सोच भी नहीं सकते है .
उस बच्चे में इतना परिवर्तन आता है । जिससे वो जब भी कोई गलत काम करता है तो आप के द्वारा बताई गई बात याद आ जाती है जिससे वो बच्चे एक अच्छा गुणवान बन जाता है और अपने जीवन में काफी सुधार लाता है ।
यदि आप भी अपने बच्चे में एक नई प्रेणा लाना चाहते है तो अपने बच्चे को अच्छी – अच्छी कहानी सुनाये । इसके यदि इन कहानियो को बड़े लोग भी पड़ते है तो उनके जीवन में भी काफी परिवर्तन आता है इन कहानियों से काफी प्रेणा मिलती है और जीवन जीने की राह मिलते है
आइये जाते है इन कहानियों के के बारे में एक – एक करके ताकि एक अच्छी प्रेणा मिल सके , और अपने बच्चो को सुना सके ।
घमंडी राजा की कहानी: (Moral Story in Hindi)
एक गांव में एक राजा था। राजा बहुत ही घमंडी था। उसे किसी दूसरे इंसान की प्रशंसा करना अच्छा नहीं लगता था। एक दिन गॉव में एक बुदिमान इंसान आता है। जिसके बारे में लोग उससे काफी अच्छे जानने लग जाते है। सभी लोग उस इंसान की प्रशंसा करने लगते है इसकी बात राजा को सुनने मिलती है।
राजा को किसी दूसरे इंसान की प्रशंसा अच्छी नहीं गलने के कारण उसे अपने दरबार में बुलाता है अगले दिन वह बुद्विमानी इंसान राज दरबार में पहुँचता है। राजा ने उसका स्वागत किया और उस इंसान को नीचा दीखाने के लिए कुछ सवाल पूछता है।
राजा अपने हाथ में एक छोटी सी चिड़िया का बच्चा अपनी मुठ्ठी में दबा लेता है। और उस इंसान से पूछता है की बताओ मेरी मुठ्ठी में का है। तभी उस इंसान बताता है की आपकी मुठ्ठी में एक नन्ने से चिड़िया के बच्चे की जान है। उसके बाद राज बोलता है की ठीक है। फिर राजा बोलता है की अब बताओ की यह चिड़िया का बच्चा जीवित है या मृत।
बुदिमान इंसान पहले कुछ सोचता है की यदि में इसे जीवित बोलता है तो उसे गर्दन दबाकर मर देगा और यदि मृत है तो मुझे सभी के सामने झूठा साबित करेगा। उसके बाद वह बुदिमान इंसान राजा से बोलता है की महाराज यह आपके हाथ में है आप चाहे तो उसे जीवित रख सकते है और आप जाहे तो उसे मार भी सकते है क्योकि अभी उसकी गर्दन आपके हाथ में है।
राजा को सभी बाते समझ में आ जाती है और उस बुदिमान इंसान को अपने मंत्रीमंडल में शामिल कर लेता है।
“शिक्षा : किसी भी जवाब देने से पहले उसके बारे में अच्छे से जान ले, क्योकि एक गलत जवाब किसी दूसरे के लिए मुश्किल साबित कर सकता है।”
150+Short Hindi stories with moral values – हिंदी कहानियाँ
राजू और पवन की कहानी
एक समय की बात है एक गांव में एक सेठ रहता था उसका के पुत्र था राजू , जबकि पवन एक गरीब परिवार का लड़का था लेकिन राजू और पवन काफी अच्छे दोस्त थे। लेकिन पवन के के खाश बात थी। जब भी राजू झूट बोलता तो पवन नीचे गिर जाता लेकिन दोनों में काफी अच्छी दोस्ती थी।
एक दिन जब पवन राजू के घर गया तो राजू अपने माता पिता से कुछ झूटी बात बोल रहा था दूसरी तरफ पवन बार – बार नीचे गिर जाता। राजू के पिता ने पूछ की बेटा तुम बार – बार नीचे क्यों रहे हो तभी पवन के बताया की क्या आपके बेटे ने अभी को आपसे बात बोली सेठ बोला है तो वह बात झूट थी इस लिए मैं गिरा। जब – जब राजू झूट बोलता है तो मैं नीचे गिरता हूँ। अभी सेठ को पूरा समझ में आ गया।
एक दिन घर में कुछ चोर – चोरी करने के लिए घर में घुस आये। तभी पवन भी वही था आते थी पवन को चोर ने पकड़ लिया सेठ को इस बारे में पता चला वह तुरंत राजू को बुलाया और के प्लान बताया राजू के पास एक डंडा हाथ लग जाता है और अपने पापा को दे देता है।
उसके बाद राजू बोलता है की पापा घर में “चोर है ही नहीं ” तभी पवन झट से नीचे गिर जाता है जैसे ही पवन नीचे गिरता है तो सेठ के हाथ में वो डंडा उसे चोर को फेक कर मरता है और वह डंडा उस चोर के सिर में लग जाता है तो नीचे गिर जाता है उसके बाद उस चोर को पकड़कर पुलिस थाने में ले जाते है और जेल में बंद करवा देते है
शिक्षा : कभी जिसे हम गलत चीज मानते है वो कहीं – कही काम जरूर आती है जैसे : झूठ बोलने पर पवन का गिरना
सुखी जीवन का रहस्य
इस समय की बात है एक गांव में एक संत रहता था। उसके पास एक छोटी सी कुटिया थी। गांव के किनारे उसे उस कुटिया में शांति नहीं मिल रही थी उन्होंने एक आश्रम बनाने के बारे में सोचने लगा उन्होंने सोचा कि मैं लोगों के सहयोग से एक आश्रम बनाऊंगा।
जिससे काफी अच्छा रहेगा और मुझे संतुष्टि भी मिलेगी उसके लिए फैशन गांव गांव जाकर सहयोग के लिए चंदा मांगने लगा आप लोगों ने उनका सहयोग किया तभी उनकी मुलाकात एक मायावती लड़की से हो जाती है जो बहुत ही गरीब और एक छोटी सी कुटिया में रहती थी।
जब वह संत उस मायावती लड़की के पास जाता है उस मायावती ने संत के साथ अपने छोटी सी कुटिया में ले जाती है और उन्हें खाना खिलाती है उसके बाद मायावती ने संत को आराम करने के लिए बोलती है मायावती ने संत के लिए मखमल के गद्दे और चारपाई का बंदोबस्त करते सोने के लिए आमंत्रित करती है।
जमीन पर एक छोटी सी सो जाती है चारपाई पर सोता है उसे काफी अच्छा लगता है लेकिन बाद में उसे नींद नहीं आती है क्योंकि वह हमेशा फर्श पर जमीन पर सोता है मायावती को संतुष्टि किसी आ सकती है जबकि यह एक जमीन पर फर्श पर हो रही है कुछ समय बाद जब मायावती और जाती है तो उसके बाद संतु से पूछता है ।
कि तुम जमीन पर फर्स्ट पर सो रखी हो और वह भी इतनी चैन की नींद कैसे जब मायावती ने किया कि मैं जो मिलता है उसी में संतुष्ट रहती हूं मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मेरे पास एक छोटी सी कुटिया है और जब मेरे को एक वक्त का खाना मिलता है तो मैं उसमें बहुत भाग्यशाली समझते हैं इसलिए जब मैं फर्स्ट पर सोती हूं तो ऐसा लगता है कि मैं मेरी मां की आंचल में सो रही हूं ।
उसके बाद संत को समझ में आ जाता है कि मैं क्यों कर रहा हूं शायद यह गलत है सुखी जीवन के लिए किसी अच्छे आश्रम का होना जरूरी नहीं है उसके बाद वह मायावती के पास से वापस अपनी कुटिया की ओर आ जाता है और जो भी उन्होंने चंदा अपने पास एकत्रित किया था उन्हें गरीबों में बांट देता है और वह अपने जीवन में खुश रहता है
शिक्षा : सुखी जीवन के लिए किसी धन की आवश्यकता नहीं होती है
सच्ची मित्रता ( कहानी )
एक समय की बात है एक गांव में दो लड़के रहते है थे राहुल और मुकेश दोनों काफी अच्छे दोस्त थे। वो एक दूसरे को काफी चाहते है एक दिन दोनों पास गांव के तालाब में तैरने गए। जाते समय उसके साथ और भी काफी लड़के तालाब में तैरने के लिए गए।
जब वो तालाब पर पहुंचे तो तालाब के काफी स्वस्छ पानी दिखाई दिया वो सभी लोग तैरने के लिए तालाब में छलांग लगा दी। कुछ देर तैरने के बाद राहुल को एक मगरमच्छ ने पकड़ लिए जिसके बारे में उनको किसी को भी पता नहीं था की तालाब के अन्दर मगरमच्छ है। राहुल को इस हालात में देखकर वो के सभी लड़के तालाब से भाग गए सिवाए मुकेश के मुकेश को अपने दोस्त को बचने के लिए मगरमच्छ से लड़ने लगा.
लेकिन मगरमच्छ ने राहुल का पैर पकड़ा हुआ था। मुकेश के हाथ में के छड़ी लग गई। जिसे मुकेश मगरमच्छ को मारने लगा लेकिन मगरमच्छ को किसी भी प्रकार का कोई फर्क नहीं पड़ा। तब मुकेश ने उस छड़ी की मदद से मगरमच्छ की आँख में दे डाली हो। जैसे ही मगरमच्छ की आँख में लगी तो मगरमच्छ से राहुल के पैर को छोड़ दिया और मुकेश अपने दोस्त राहुल को तालाब से मगरमच्छ के मुँह से राहुल को बचा लाया
शिक्षा : दोस्तों ऐसा होना चाहिए जो मुसीबत में आपका साथ दे।
गुरु ने ली शिष्य की परीक्षा
एक समय की बात है एक जंगल में एक साधु रहता था साधु बहुत है ज्ञानी था उसके पास पढ़ने के लिए कुछ बच्चे आते थे एक दिन गुरु ने अपने शिष्य की परीक्षा लेना चाहा ,अपने शिष्य को पास बुलाता है और उन्हें एक – एक टोकरी दे देता है और बोलता है की मुझे प्यास लगी है और तुम सब मेरे लिए इस टोकरी में नदी से पानी लेकर आओ।
उसके बाद सभी शिष्य सोच में पड़ जाते है क्योकि टोकरी में काफी छेद थे। उसके बाद सभी शिष्ये नदी के किनारे चल जाते है और जैसे ही उस टोकरी में पानी भरते है पानी नीचे से निकल जाता है वो लोग काफी परेशान हो जाते है और आश्रम की तरफ आने लग जाते है। लेकिन उन शिष्य में से एक शिष्य ने उस टोकरी में पानी भरकर प्यास भुजा देता है
अगले दिन गुरु ने सभी शिष्य को बुलाता है और अपना परीक्षा परिणाम सुनाता है तो गुरु बोलता है की तुम सभी में से एक ही शिष्य पास हुआ है। सभी सोच में पड़ जाते है तभी गुरु ने बोलै की एक मेने आपकी परीक्षा उस टोकरी में पानी भरकर लाने की ली थी लेकिन एक को छोड़कर सभी खाली हाथ आये तब उस लड़के को अपने पास बुलाया और बोला की तुमने ऐसा क्या क्या की तुम टोकरी में पानी लाने में सफल हुए
तब वह शिष्य बोलता है की जब ये सभी वापस लोट रहे थे उस समय मेने सोच की यदि में पानी नहीं लेकर गया तो गुरुदेव प्यासे रह जायेगे उन्हें कुछ सोच समझ कर ही भेजा है उसके बाद में उस टोकरी को कुछ देर पानी के अंदर डालकर बैठा रहा कुछ देर बाद देखा की टोकरी में पानी रुकने लगा मेने और कुछ समय बैठने के निश्च्य किया कुछ दे बाद जब में पानी से टोकरी को बहार निकला तो टोकरी से पानी निकला बंद हो गया ,
क्योकि उस के जो छेद थे वो कंकर से बंद हो चुके थे जिससे पानी टोकरी में ठहर गया और में पानी लेकर गुरुदेव के पास आकर पानी पिलाया। तब गुरुदेव ने कहा की जिसका लक्ष्य पक्का हो वह निश्चित ही अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेता है।
शिक्षा : जब भी कोई कार्य करे तो अपना लक्ष्य को ध्यान में रखकर करना चाहिए। दूसरा आपके पास धर्य होना चाहिए।
पप्पू की शादी ( Hindi story for kids )
Hindi story for kids : एक समय की बात है एक एक गांव में एक लड़का रहता था जिसका नाम पप्पू था । वह बहुत दयालु और दुसरो की मदद करता था । लेकिन उसकी अभी तक शादी नहीं हो रखी है पप्पू शादी करने के लिए काफी कुछ करता लेकिन कुछ न कुछ प्रॉब्लम हो जाती । एक दिन जब वह रास्ते से बाजार जा रहा तो उसके के छोटी बच्ची को सब्जी बेचते हुए देखा । वह उस बच्ची को बोलै है की आपका नाम क्या है उसने अपना नाम राधिका बताती है
पप्पू : राधिका तुम्हारी अभी उम्र सब्जी बेचने की नहीं है अभी आप जाकर पढ़ाई करो
राधिका : नहीं अभी मेरे को काफी पैसे कमाना है
पप्पू : लेकिन तुम्हे इतने पैसे क्यों कामना है
राधिका : कुछ दिनों से मेरी माँ बीमार है उसकी दवाई के लिए मेरे पास पैसे नहीं है
पप्पू: पप्पू तुरंत है बोलता है की तुम्हारी माँ कहा है चलो मिलते है
राधिका : पप्पू को अपने घर लती है और उसे अपनी माँ का हाल बताती है उसके बाद पप्पू राधिका की माँ को डॉक्टर के पास ले जाता है
डॉक्टर : डॉक्टर बोलता है की इसको काफी ज्यादा बुखार है उसके बाद डॉक्टर ने राधिका की माँ को कुछ दवाइयां देता है
पप्पू : डॉक्टर साहब क्या राधिका की माँ बिलकुल ठीक हो जाएगी न
डॉक्टर : हाँ कुछ ही दिनों में राधिका की माँ ठीक हो जाएगी
पप्पू : राधिका के माँ के ईलाज के पैसे अपनी जेब से देता है और उन दोनों को घर ले आता है
राधिका : पप्पू भाई आपका बहुत बड़ा धन्यवाद उसके बाद पप्पू ने उनके घर खर्च के लिए पैसे देकर वहां से निकल जाता है
दो दिन बाद पप्पू की शादी के लिए रिश्ता आता है और लड़की वाले पप्पू से शादी करवाने ले लिए तैयार हो जाते है कुछ दिनों बाद पप्पू की शादी हो जाती है और वह अपने जीवन को खुशी – खुशी जीता है
शिक्षा: कर भला तो हो भला
|| पप्पू की परीक्षा ||
पप्पू 10th कक्षा का एक छात्र था । वह बहुत की गरीब परिवार से था । वह अपने परिवार को चलाने के लिए कुछ छोटा मोटा काम भी करता और अपनी पढ़ाई भी करता । धीरे – धीरे पप्पू की परीक्षा नजदीक आ जाता है लेकिन उसकी ठीक से पढ़ाई न होने के कारण वह परीक्षा में कुछ नहीं लिख पता है और जब रिजल्ट आता है तो पप्पू फेल हो जाता है ।
वह काफी दुखी हो जाता है और घर पर जाकर अपने माँ के पास रोने लग जाता है । माँ ने उसे खा की बेटा तुम इस साल फेल हो गए तो क्या साल अच्छे नंबर लाना और अपनी स्कूल का नाम रोशन करना । पप्पू ने अपने आप को समझाया और पर्ण लिए की अगले साल सबसे अच्छे नंबर लेकर पास हूँगा ।
उसके बाद पप्पू ने अपनी पढ़ाई की मेहनत को बड़ा दिया वह अपना घर खर्च भी कमाता और रात को देर तक पढ़ाई करता । उसने अपने मन में ठान लिया था की मुझे अच्छे नंबर्स से पास होना है जब 10th एग्जाम पास आ जाता है तो पप्पू ने परीक्षा में अच्छे से पढ़ाई होने के कारण पेपर में अच्छा लिखा जब 10th का रिजल्ट आता है तो पप्पू का मुकाबला कोई नहीं कर पाता है और अपनी स्कूल में सबसे टॉप छात्र रहा है और अपनी स्कूल और अपने परिवार का नाम रोशन किया ।
शिक्षा : ठान ले तो दुनिया का कोई काम असम्भव नहीं होता है ।
श्याम का मित्र (short stories for kids in hindi)
श्याम पांचवी क्लास में पढ़ता था। वह रोज स्कूल जाता, रास्ते में एक घर के पास एक कुत्ता हमेशा बेठा रहता था वह जब भी स्कूल जाता तो उसके लिए कुछ खाने के लिए ले जाता और उसको डाल देता।
श्याम स्कूल भले ही लेट हो जाता लेकिन उस कुत्ते के लिए खाना जरूर लेकर जाता था। श्याम और कुत्ते की दोस्ती हो जाती है दोनों बहुत खुश होते हैं जब वह एक दूसरे से मिलते हैं।
स्कूल में लेट होने के कारण शाम को डांट भी पढ़ती थी।
लेकिन वह इस इसके बाद भी वह कुत्ते के लिए खाना जरूर लाता शाम को देखते ही कुत्ता खुश हो जाता है।
एक दिन की बात जब श्याम मार्केट में सब्जी लेने जाता है तो रास्ते में उसे तीन से चार कुत्तों ने घेर लेते हैं।
श्याम बहुत परेशान हो जाता है तभी श्याम के द्वारा खाना खिलाई गए कुत्ते की नजर श्याम पर पड़ती है और वह देखता है कि उसका दोस्त परेशानी में है तो वह तुरंत ही उसके पास चला जाता है।
उस कुत्ते के आने से बाकी सभी कुत्ते वहां से नौ दो ग्यारह हो जाते हैं श्याम उस कुत्ते को अपने गले लगा लेता है और बचाने के लिए धन्यवाद कहता है
शिक्षा
-मित्रता सदैव सुखदाई होती है
-निस्वार्थ भाव से की गई मित्रता हमेशा सुखदाई होती है।
मोती की समझदारी (Short Story In Hindi)
विमलपुर नाम का एक गांव था जहां पर काफी लोग बीमार रहते थे। डॉक्टर ने बताया कि वह लोग मच्छर काटने से अधिक बीमार होते हैं । डॉक्टर ने बताया कि यदि आप अपने आसपास की गंदगी को साफ कर देते हैं तो इससे आपके परिवार में मच्छर नहीं आ पाएंगे जिसके कारण आप सभी लोग बीमारी से बच सकते हैं।
मोती इस बात को सुन रहा था वह तीसरी क्लास में पढ़ता था उसने अपने गांव के सरपंच को एक एप्लीकेशन एकता है। उस एप्लीकेशन में लिखता है कि श्रीमान हमारे गांव में काफी गंदगी होने के कारण अधिक लोग बीमार हो रहे हैं कृपया आप इस गंदगी को सफाई में बदले।
उसके बाद गांव का सरपंच अपने गांव की भलाई के लिए गांव में हो रही गंदगी को 2 से 4 दिनों में ठीक कर दिया ।
उसके बाद गांव में मच्छरों की संख्या नहीं रही और गांव धीरे-धीरे स्वस्थ होने लगा सरपंच ने मोती को धन्यवाद दिया
शिक्षा:-
स्वयं की सतर्कता से बड़ी से बड़ी बीमारी से बचा जा सकता है।
चिड़िया के बच्चे (small story in hindi)
एक समय की बात है एक गांव में एक घर था जहां पर एक चिड़िया आंगन के पेड़ में घोंसला डाल रखी थी । उस चिड़िया के दो बच्चे थे पिंकी और मोनू बहुत ही छोटे थे चिड़िया बाहर से खाना ले आती और उन बच्चों को खिलाती कुछ दिन बाद बच्चे उड़ने के लिए कहते हैं।
चिड़िया बोलती है कि अभी तुम बच्चे हो कुछ और बड़े हो जाओ उसके बाद मैं तुम्हें उड़ना सिखाऊंगी। कुछ दिन बाद बच्चे कुछ बड़े हो जाते हैं और वह उड़ने के लिए ची ची ची ची करते हैं।
चिड़िया अपने बच्चों को उड़ान बनवाने के लिए अपनी पीठ पर पिंकी और सोनू को बिठाकर आसमान क्यों निकल जाती है । कुछ ऊंचाई पर जाने के बाद वह अपने दोनों बच्चों को छोड़ देती है उसके बाद पिंकी और सोनू अपने धीरे-धीरे पंख हिलाना शुरू करते हैं ।
जब कोई बच्चा नीचे गिरने लगता है तो चिड़िया उसे अपनी पीठ पर बिठाकर वापस पर ले आते हैं।
ऐसे में पिंकी और मोनू उठना सीख जाते हैं क्योंकि वह निरंतर प्रयास कर रहे थे ।
उसके बाद चिड़िया अपने बच्चों को लेकर वापस घर आ जाती है अब पिंकी और मोनू उड़ना सीख जाते हैं और वह अपना खाना स्वयं ढूंढना शुरू कर देते हैं।
ऐसा देखकर चिड़िया बहुत खुश हो जाती है और भगवान को धन्यवाद देती है
शिक्षा :-
अभ्यास सफलता की पहली सीढ़ी होती है इसलिए सफलता प्राप्त करने के लिए अभ्यास बहुत जरूरी है।
कालिया को मिला सबक
( Hindi short stories with moral )
कालिया एक कुत्ते का नाम था जो गली में आने जाने लोगों को काफी परेशान करता था। जब भी कोई बच्चा कुछ सामान लेकर आता तो उसके हाथों से छीन कर भाग जाता । इस वजह से उस गली में बच्चे आने जाने परेशान होने लगी और साथी बड़े भी उस कुत्ते से परेशान थे ।
उसी गली में एक मोती नाम का कुत्ता रहता था जो बहुत ही शांत था वह किसी को परेशान नहीं करता उसे खाने के लिए मिलता वह बड़े आराम से खा लेता।
एक दिन महेश ने एक रोटी का टुकड़ा मोती को डालता है वह उस टुकड़े को लेकर थोड़ा दूर जाकर बड़े आराम से खाने लगता है तभी कालिया की नजर उस मोटी पर पड़ जाती है।
और वह उस मोती से रोटी झपट कर छीन लेता है महेश इस बात को नजरअंदाज नहीं करता है वह घर से एक बड़ा डंडा लेकर आता है और कालिया को बुरी तरह पीटने लगता है।
कालिया इस पिटाई को कभी नहीं बुलाता क्योंकि कालिया को महेश ने उसकी नानी याद दिला दी थी।
अब वह किसी के सामने भोकना, किसी के पीछे भागना, किसी का सामान लेकर भागना बंद हो गया।
जब भी कोई बच्चा सामान लेकर भी उस गली से आता तो वह चुपचाप बैठा रहता क्योंकि महेश ने उस कालिया को सबक सिखा दिया था।
शिक्षा:- बुरे काम का बुरा नतीजा निकलता है इसलिए बुरे काम करने से हमेशा बचना चाहिए।
राहुल और हाथी की दोस्ती | Hathi wala cartoon
एक समय की बात है एक गांव में एक लड़का रहता था जिसका नाम राहुल था राहुल बहुत ही गरीब परिवार से था । वह अपनी माँ के साथ गांव में रहता था और गांव वालो की गए चराकर अपना और अपना माँ का पेट भरता था। एक दिन जब राहुल जंगल में जाता रहा था तो उसे रास्ते में हाथी का बच्चा मिल मिलता है जो हाथियों के झुंड से बहार आया हुआ था ।
राहुल उस हाथी के बच्चे के साथ खेलने लग जाता है उन दोनों में काफी अच्छी जान – पहचान हो जाती है और वह दोनों दोस्त बन जाते है कुछ देर बाद कुछ हाथी उस बच्चे को ढूढ़ते हुए जंगल में आते है हाथी उन दोनों को देखकर काफी खुश हो जाते है जब उस बच्चे से अपनी माँ को बताया की यह राहुल मेरा अच्छा दोस्त है आज के बाद में इसके साथ रोज खेलने के लिए आना है तब उसकी माँ ने उसे परमिशन दे दी ।
जब वह हाथी अपने दोस्त से मिलने आता तो रोज उसके लिए कुछ न कुछ खाने को साथ लाता राहुल और उस हाथी में काफी अच्छी मित्रता बन गई
शिक्षा: मित्र ऐसा बनाओ जो आपको समझ सके ।
1. साहस की कहानी (Story in Hindi )

एक जंगल में एक लोमड़ी रहती थी लोमड़ी जंगली जानवरों से अपरिचित थी। एक दिन लोमड़ी ने जंगल के राजा शेर को देखा लोमड़ी शहर को देखकर बहुत आश्चर्यचकित रह गई। क्योंकि उससे पता नहीं था कि यह जंगल का राजा शेर है। सुबह जब शेर अपनी गुफा से निकलकर जंगल की ओर अपने शिकार के लिए जाता, तब वह लोमड़ी उसे देख लेती है।
वह सोचती है कि यह कौन है जो निडर होकर चल रहा है इसे किसी प्रकार का कोई भय नहीं है यह तो राजा की तरह लग रहा है। उस दिन लोमड़ी शेर को देखकर भाग जाती है दूसरे दिन जब लोमड़ी उसी समय शेर को देखती है फिर वह कुछ समय शेर को देखने लगती है।
शेर को बाहर जाते देखकर लोमड़ी सोचती है कि क्यों ना मैं इससे जाकर ही पूछ लेती हूं कि आखिर यह कौन है क्योंकि लोमड़ी को नहीं पता था कि यह इस जंगल का राजा शेर है उस दिन लोमड़ी ने थोड़ा सहास करके शेर को अच्छी तरह देख लिया।
तीसरे दिन जब सुबह शेर अपनी गुफा से जंगल की ओर निकल रहा था तब लोमड़ी निडर होकर अपने किसी परिचित की तरह शेर के पास चली जाती है और उससे शेर से बात करने लगती है।
कि महाराज सभी सह कुशल तो है क्या किसी बात की कोई परेशानी है तब जंगल का राजा शेर उससे वार्तालाप करने लग जाता है और उस लोमड़ी को सब कुछ बता कर वापस भेज देता है।
“शिक्षा: किसी भी इंसान से बार-बार मिलने से उसके प्रति साहस जुट जाता है जिस प्रकार लोमड़ी ने शेर के प्रति साफ जुटाए है।”
और पढ़े: जादुई नींबू का पेड़2. कबूतर और चींटी की कहानी : (Moral Stories In Hindi)

प्राचीन समय की बात है एक जंगल में एक कबूतर और एक चिट्ठी रहा करती थी। कबूतर एक पेड़ पर बैठा हुआ था चींटी पास है नदी के किनारे टहल रही थी अचानक किसी हवा के झोंके आने से चींटी नदी में गिर जाती है।
जब वह पानी में परेशान होने लगती है तो कबूतर की नजर उस चींटी पर पड़ जाती है कबूतर ने पेड़ के पत्ते को तोड़कर चींटी के पास फेंक देता है चींटी उस पत्ते पर आ जाती है और कबूतर उस चींटी को अर्थात उस पेड़ के पत्ते सहित उस चींटी को नदी से बाहर निकाल लेता है।
दूसरे दिन जब एक शिकारी पक्षियों को पकड़ने के लिए जंगल में आता है और वह अपना जाल बिछाकर एक पेड़ के पीछे खड़ा हो जाता है उस समय वह चींटी पास से निकल रही थी तब उसे अचानक पता चलता है कि शिकारी अपना जाल फैला कर पक्षियों को ले जाना चाहता है तो वह पेड़ की तरफ देखती है तो उसे वह कबूतर दिखाई देता है जिसने उस चींटी की जान बचाई थी।
कबूतर उड़ कर जैसे ही जाल में आने लगता है चिट्ठी उस शिकारी के पास जाकर पैर में इतनी बुरी तरह काटती है कि शिकारी के मुंह से आवाज निकल आती है और जब आवाज निकलती है तो कबूतर को पता चल जाता है कि यह एक प्लानिंग है और वह उस जाल में फंसने के बदले दूसरी दिशा में अपनी उड़ान भर लेता है इस प्रकार से चींटी ने उस कबूतर की जान बचाई।
“शिक्षा : इसलिए कहा जाता है कि कर भला तो हो भला”
3. तीन कछुआ की कहानी : (Any Short Story In Hindi)

एक जंगल में एक तालाब के अंदर तीन कछुए रहते थे वे तीनों काफी अच्छे दोस्त थे। लेकिन उनमें से एक कछुआ जो छोटी मोटी बातों पर काफी गुस्सा करता था और वह काफी नाराज रह भी रहता था।
एक दिन जब ऐसी बात चल रही थी तब वह कछुआ नाराज होकर दूर चला जाता है और एक पत्थर पर बैठने के लिए जाता है पत्थर पर चलते समय उस कछुए का पैर फिसल जाता है और वह धरती पर गिर जाता है।
धरती पर इस तरह गिरता है कि वह उल्टा हो जाता है और उससे सही होने में परेशानी आ रही होती है वह मदद के लिए बार-बार पुकारता रहता है लेकिन उसकी आवाज कोई नहीं सुनता है।
तब पास से एक बंदर गुजर रहा होता है कछुए ने उस बंदर को मदद के लिए पुकारा बंदर पास आकर उसी की मजाक करने लग जाता है उस पर हंसने लग जाता है।
उसके बाद ही हिरन और भी कई जानवर आते हैं लेकिन उसकी मदद कोई भी नहीं करता है। तब उसके दो दोस्त उस तालाब से बाहर निकल कर आते हैं और उस कछुए को सही कर देते हैं।
उन दोनों के सामने वह कछुआ काफी शर्मिंदा हो जाता है क्योंकि उनसे बात से नाराज होकर उन्हें परेशान करता था इस तरह उन दोनों दोस्तों ने अपने दोस्त की मदद की।
“शिक्षा: दोस्ती ऐसी होनी चाहिए जो मदद के समय साथ दे सके।”
और पढ़े: सोने का पेड़
4. शेर और चूहे की कहानी : (Class 2 Short Moral Stories In Hindi)

sher ki kahani : प्राचीन समय कि बात है। एक जंगल में एक शेर रहता था एक दिन वह अपना खाना खाकर पेड़ के नीचे सो रहा था। कुछ समय बाद चुहा घूमता फिरता शेर के पास आ जाता है और शेर के ऊपर कूदने लगता है।
उसकी पूंछ से बार-बार फिसल कर नीचे गिरता हुआ आनंद लेता है तभी अचानक से ऊठ जाता है और वह उस चुहे को देखता है चुहा जान बचाने के लिए जैसे ही भागता है तो उस उस शेर ने अपने पंजों से चुहे को पकड़ लेता है।
जैसे ही शेर चूहे को खाने लगता है तो चुहा डर जाता है और बोलता है कि महाराज मुझे माफ कर दो मैं अगली बार कोई ऐसी गलती नहीं करूंगा जिससे आप परेशान हो और हां मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं आपकी मदद जरूर करूंगा।
उसके बाद शेर हंसकर बोलता है कि तुम बहुत भाग्यशाली हो क्योंकि मैंने अभी-अभी खाना खाया है उसके बाद मुस्कुराता हुआ शेर चूहे को छोड़ देता है और चूहा अपने घर चले जाता है।
दूसरे दिन जब शेर जंगल में घूम रहा होता है तो शिकारियों द्वारा एक जाल बनाया होता है जैसे ही शेर उस जाल में आता है तो शिकारी उसे पकड़ लेते हैं और शेर फस जाता है शेर जोर से दहाड़ता है और बचने की कोशिश करता है लेकिन सभी कोशिश बेकार हो जाती है।
शिकारी उसे बांधकर गाड़ी लेने चले जाते हैं शेर जोर से दहाड़ता है तो जंगल के जानवरों को पता चलता है और साथ ही उस चुहे को पता चलता है वह सोचता है कि महाराज मुश्किल में है हमें जाना चाहिए। तब वह चूहा भागता हुआ शेर के पास आता है वह देखता है कि शेर जाल में फंसा होता है।
वह बोलता है कि महाराज आप टेंशन ना लो मैं इस जाल से आप को मुक्त कर दूंगा चूहा जाल को काटने लगता है कुछ समय बाद चुहा जाल को कुतरकर शेर को बाहर निकाल लेता है और शेर बहुत खुश हो जाता है शेर चूहे को धन्यवाद देता है।
और बोलता है कि आज तुमने मेरी जान बचाई है आज से तुम इस जंगल में आजाद घूम सकते हो जैसे ही शिकारी गाड़ी लेकर आते हैं तो वह देखते हैं कि शेर पिंजरे से बाहर था।
शेर और चूहा दोनों उसकी तरफ शिकारियों की तरफ भागते हैं तो शिकारी अपने हथियार और गाड़ी छोड़कर जंगल से बाहर चले जाते हैं इस तरह से चूहे ने शेर की जान बचाई।
“शिक्षा: किसी को कम नहीं समझना चाहिए कभी-कभी छोटी चीज बड़े-बड़े काम कर देती हैं।”
5. हाथी और तोते की कहानी

एक समय की बात है एक गांव में एक घर के अंदर एक पिंजरे में एक तोता बंद था वह उस पिंजरे से बाहर निकल कर खुले आकाश में उड़ना चाहता था। काफी कोशिशों के बाद आखिर उसने उस पिंजरे को तोड़कर वहां से जंगल की ओर चला जाता है।
जंगल की बहारी हवा और वातावरण को देखकर वह काफी खुश हो जाता है उसे काफी मजा आने लगता है वह अच्छे-अच्छे फल खाने लगता है तभी तोते की नजर एक पेड़ के नीचे सो रहे हैं हाथी पर जाती है। वह उस हाथी से मजाक करना चाहता था।
तोता हाथी के सिर पर बैठकर चोंच मारने लगता है हाथी नींद से जाग जाता है तभी तोता जाकर पेड़ पर बैठ जाता है तब हाथी देखता है और तोता की बोलता है कि क्यों परेशान कर रहे हो तब वह तोता बोलता है मजाक कर रहे हैं।
उसके बाद लगातार हाथी को परेशान करने लग जाता है हाथी वहां से उठकर दूर चला जाता है तोते को काफी मजा आने का उससे फिर परेशान करने लगता है तब हाथ सोचता है कि कुछ तो करना पड़ेगा वह पास ही तालाब में जाकर अपना सिर्फ बाहर निकालकर अंदर की ओर बैठ जाता है।
तब तोता सोचता है कि मेरे डर से हाथी पैर तालाब में छिप गया है हाथी तोता दोबारा उस हाथी के सिर पर जाकर चोट मारने लगता है तब हाथी अपनी सूंड में पानी भरकर उस पर फेंक देता है जिससे वह तालाब में तोता तालाब में गिर जाता है।
जान बचाने के लिए बार बार झटपट आता है तब हाथी को दया आ जाती हैं और उस तोते को बाहर निकाल देता है तोता माफी मांगने लगता है और हाथी और तोते को माफ कर के वहां से निकल जाता है।
“शिक्षा: मजाक करने की भी हद होती है सहन शक्ति से ज्यादा मजाक किसी के साथ नहीं करना चाहिए और बड़ों का आदर करना चाहिए।”
6. सच्चे दोस्त की कहानी : (Short Moral Stories In Hindi)

प्राचीन समय कि बात है एक गांव में एक स्कूल थी वहां पर अन्य लड़कों के साथ दो लड़की भी पढ़ते थे जो आपस में दोस्त थे। एक का नाम सोनू और एक का नाम मोनू वह काफी अच्छे दोस्त थे और पढ़ने में भी काफी इंटेलिजेंट थे सोनू मोनू अपनी क्लास में टॉपर आया करते थे।
मोनू सोनू से कुछ नंबर कम लाता जिससे मोनू फर्स्ट रैंक हासिल कर पाता है तब उन्हें पूछा गया कि तुम ऐसा क्यों करते हो तब मोनू बोलता है कि मेरा भी वही स्थान है जो सोनू का है हां मैंने कुछ नंबर कम लाता हूं जिसकी बदौलत में सेकंड रह जाता हूं।
लेकिन मोनू ने कहा कि इस बार में फर्स्ट रैंक हासिल करूंगा उसके बाद वह पढ़ाई करने लग जाता है कुछ दिन बाद सोनू की मां बीमार पड़ जाती है और वह हॉस्पिटल में रहती है जिसकी बदौलत सोनू स्कूल में नहीं आ पाता है।
वह एक महीने बाद स्कूल आता है उसके बाद एग्जाम पेपर होते हैं फिर भी सोनू ही फर्स्ट आता है जब टीचर ने उनका पेपर चेक करता है तो पता चलता है कि मोनू ने काफी ऐसे सवाल है जो बड़े आसान है।
लेकिन मोनू को क्या हुआ जिसकि बदौलत सेकंड रैंक आया जबर टीचर जाकर मोनू को पूछता है कि तुमने ऐसा क्यों किया । आप फर्स्ट रैंक हासिल कर सकते थे। पहले तो मोनू ने मना कर दिया उसके बाद बोलता है कि मैं ऐसे फर्स्ट रैंक नहीं करना चाहता।
क्योंकि सोनू की मां बीमार होने के कारण का 1 महीने स्कूल नहीं आ पाया इसलिए मैंने उसे फर्स्ट लाने के लिए इन क्वेश्चन के आंसर छोड़े हैं टीचर सुनकर बहुत हैरान हो जाता है और बोलता है कि भले ही तुमने क्लास में सेकंड रैंक हासिल की है लेकिन अपनी रिलेशन और दोस्ती में फर्स्ट रैंक हासिल की है और वह दोनों दोस्त खुश हो जाते हैं।
“शिक्षा: दोस्त वही होता है जो दोस्ती की भावनाओं को समझता है।”
7. प्यासा कौवा की कहानी : (Small Story In Hindi)

एक समय की बात है एक जंगल से एक कौवा उड़ता हुआ गांव की तरफ आ जाता है वह बहुत ही प्यासा था। उसने एक छत पर एक पानी का छोटा मटका दिखता है वह सोचता है कि शायद इस मटके में पानी है और वह पीने के लिए उस मटके के पास चला जाता है।
लेकिन देखने के बाद पता चलता है कि उस मटके में इतना पानी नहीं है कि उसको यह तक पहुंच सके और चारों तरफ देखने के बाद कहीं पर भी कोई पानी नहीं मिलता है।
वह सोचता है कि आखिर पानी कैसे पिया जाए तब उसके दिमाग में एक विचार आता है और वह बाहर से पत्थर के टुकड़े लाकर उस मटके के अंदर डालना शुरू कर देता है।
जैसे जैसे पत्थर मटके के अंदर डालता है तो मटकी का पानी ऊपर आने लगता है काफी मेहनत करने के बाद मटकी का पानी ऊपर आ जाता है और कुआं उस पानी को पीकर अपनी प्यास बुझा लेता है और फिर अपने रास्ते निकल जाता है।
“शिक्षा: परिश्रम का फल मीठा होता है।“
8. लालची कुत्ते की कहानी : (Short Motivational Story in Hindi)

एक समय की बात थी एक गांव में एक कुत्ता रहता था एक दिन वह बहुत भूखा था उसे काफी भूख लग रही थी। उसे खाने को कहीं नहीं मिला लेकिन काफी ढूंढने के बाद उसे एक रोटी दिखाई देती है उस रोटी को मुंह में लेकर एक पुल से गुजर रहा होता है।
लेकिन अचानक ही उसने अपनी परछाई को उस नदी के अंदर देखता है पर सोचने लगता है कि कोई और मेरे से अच्छा खाना लेकर जा रहा है।
इसलिए जब उस खाने को रुकवाने के लिए अपना जैसे मुंह खोलता है तो उसके मुंह से वह रोटी निकलकर नदी में गिर जाती हैं और वह काफी परेशान हो जाता है और वापस गांव की तरफ चल जाता है।
शिक्षा: लालच बुरी बला है जितना मिले उतने में संतुष्ट होना चाहिए।
9. दो सिर वाले पक्षी की कहानी : (Very Short Story In Hindi)

एक बार की बात है एक जंगल में एक हंस रहता था हंस एक था परंतु उनकी सिर्फ दो थे, और पेट था। एक दिन वह घूमता हुआ तालाब के किनारे चल जाता है तालाब के पास उन्हें एक फल दिखाई देता है एक अंश ने उस फल को देख कर उसे चक लेता है और उसे खा लेता है।
दूसरा अंश बोलता है अर्थात दूसरों को बोलता है कि मेरे को भी इस फल का आनंद लेने दो तब वह बोलता है कि तुम क्या करोगे मैंने चकलिया ना पेट के अंदर ही गया तो है संतुष्टि तो मिल गई होगी।
उसके बाद उस आधे फल को अपने प्रेमिका को दे देता है दूसरा मुंह वाला को सोचने लगता है कि इस तरिष्कार का बदला तो मैं लेकर रहूंगा और उसके बाद उसे 1 दिन ऐसा मौका मिल ही जाता है।
पास ही एक विषैला फल वह हंस देखता है और वह बोलता है कि मैं इसे खाने जा रहा हूं तब वह बोलता है कि पागल है क्या इसे खाओगे तो हम मर जाएंगे।
उसके बाद वह दूसरा मुंह वाला उस फल को खा लेता है कुछ समय बाद वह हंस खत्म हो जाता है और उसके साथ ही वह दूसरा भी खत्म हो जाता है क्योंकि दोनों की सिर अलग था परंतु पेट अलग एक था।
शिक्षा: इस संसार में कुछ ऐसे काम होते हैं किस का अकेले निर्णय लेना सही नहीं माना जाता।
10. मेहनत का फल की कहानी : (Simple Story In Hindi)

एक समय की बात है एक गांव में 2 दोस्त रहते थे एक का नाम किशन और दूसरे का नाम मोहन था वह दोनों ही बेरोजगार थे उन्होंने कुछ करने के लिए अपने गुरु जी से मदद लेने की सोची।
उसके बाद वह दोनों अपने गुरु जी के पास चले जाते हैं किशन और मोहन गुरुजी से कुछ करने के लिए पैसे मांगते हैं गुरुजी ने दोनों को एक ₹1000- 1000 दे देते हैं और बोलते हैं कि तुम्हें 1 साल बाद मुझे यह पैसे लौटाने होंगे।
उसके बाद दोनों वहां से निकल जाते हैं रास्ते में किशन मोहन से बोलता है कि तुम इन पैसों का क्या करोगे तब मोहन बोलता है कि इस परसों का कुछ ऐसा करना है जिससे हमें इसे डबल हो सके।
उसके बाद मोहन ने किशन से पूछा कि तुम क्या करोगे किशन बोलता है कि इन पैसों से तो मैं घूमने फिरने जाऊंगा उसके बाद दोनों दोस्त निकल जाते हैं 1 साल बाद तो वह गुरुजी के पास आते हैं और गुरु जी मोहन और किशन से पूछता है से पहले किशन से पूछता है।
कि तुमने उन पैसों का क्या किया तब किशन नीचे गर्दन करते हुए बोलता है कि गुरुजी मेरे को किसी ने धोखा दिया है उसके बाद गुरुजी मोहन को पूछता है कि क्या तुमने भी किसी से धोखा खाए हो क्या तुम भी पैसे नहीं लेकर आए हो।
तब मोहन मुस्कुराता हुआ बोलता है कि नहीं गुरु जी यह लीजिए आपके हजार रुपए और इसके अतिरिक्त हजार रुपए और गुरुजी बोलता है कितने पैसे तुम कहां से लेकर आए हो तब मोहन बोलता है कि गुरु जी मैंने जब एक किसान को देखा तो उसके फल मैं खरीद के बाजार में बेचना चला गया।
उसके बाद रोज इसी प्रकार चलता रहा और आज मैं बाजार में अपनी दुकान भी खोल ली है और अच्छा खासा मेरा कारोबार चल रहा है। इसके अलावा ₹2000 और अतिरिक्त लीजिए और जरूरतमंद की दे दीजिए।
ताकि वह भी अपनी जिंदगी में कुछ कर सके इसके बाद गुरु जी बोलते हैं किस किशन तुमने भी यदि मेहनत की होती तो तुम भी आज मोहन की तरह एक अच्छे कारोबार कर पाते तब मोहन बोलता है कि अभी भी कुछ बिगड़ा नहीं अभी भी आपके पास समय है और अपने समय का सदुपयोग करें।
शिक्षा: समय का सम्मान करो और परिश्रम का महत्व समझो सफलता आपके कदमों में होगी।
11. खरगोश और कछुए की कहानी : (Hindi Kahani)
एक समय की बात है एक जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ रहता था। एक दिन दोनों में दौड़ने की होड़ लग जाती है खरगोश जो काफी तेज दौड़ने वाला है और कछुआ जो बहुत ही धीरे चाल चलता है।
जंगल के सभी जानवर उनकी दौड़ देखने के लिए एकत्रित हो गए जब कछुआ ने अपने दौर शुरू की तो खरगोश काफी तेज से भागने लगा और कछुआ वह अपनी चाल से चलने लगा जब खरगोश बहुत आगे निकल जाता है।
खरगोश सोचता है कि पता नहीं कछुआ कब तक मुझे पकड़ पाएगा तब तक मैं आराम कर लेता हूं । हरी हरी घास को देखकर खरगोश उसे खाकर एक पेड़ के नीचे आराम करने लग जाता है और कछुआ अपनी चाल से खरगोश से आगे निकलता है।
खरगोश को गहरी नींद आने के कारण वह कछुआ से पीछे रह जाता है कछुआ अपने मंजिल बड़े ही आसानी से पा लेता है और कछुआ जीत जाता है।
शिक्षा: यदि इंसान निरंतर प्रयास करता है तो सफलता जरूर मिलती है।
12. दो दोस्त की कहानी : (Hindi kahaniya)
एक समय की बात है एक गांव में 2 दोस्त रहते थे मोहन और सोनू। वह जहां भी जाते दोनों साथ जाते। एक दिन दोनों जंगल में घूमने चले जाते हैं जंगल में जाने के बाद उन्हें अचानक एक भालू दिखाई देता है।
मोहन उस भालू को देखकर पेड़ पर चढ जाता है और दूसरा दोस्त सोनू उसे पेड़ पर चढ़ना नहीं आता है वह जमीन पर लेट जाता है जब भालू सोनू को देखता है तो सोनू के पास आता है।
सोनू तो जमीन पर सो रहा था वह बिल्कुल शांत हो जाता है जब भालू उसे सुगता है तो उसे मरा हुआ समझकर वहां से निकल जाता है। जब भालू वहां से निकल जाता है।
उसके बाद मोहन पेड़ से नीचे उत्तर आता है उसके बाद सोनू से बोलता है कि सोनू तुम्हारे कान में भालू ने क्या कहा तब सोनू मोहन को बोलता है कि अपने दोस्त पर कभी विश्वास मत करना।
शिक्षा: दोस्त वही होता है जो मुसीबत में काम आता हो।
13. लालची लोमड़ी की कहानी : (Short Stories In Hindi For Kids)
प्राचीन समय कि बात है एक जंगल में एक लोमड़ी रहा करती थी लोमड़ी बहुत ही लालची किस्म की थी। एक दिन उसे बहुत जबरदस्त भूख लग रही थी वह जंगल में इधर-उधर घूम रही थी।
तभी उसे एक आम का पेड़ दिखाई देता है लोमड़ी बहुत ही खुश हो जाती है और उस आम के पेड़ के पास चली जाती है जब लोमड़ी उस आम के पेड़ से आम खाने के लिए ऊपर की ओर छलांग लगाती है तो आम लोमड़ी के हाथ नहीं आते बार-बार लोमड़ी उछल उछल कर उस आम के पेड़ से आम तोड़ने की कोशिश करती है।
परंतु उसे किसी भी प्रकार का आम नहीं मिलता है कुछ समय बाद आम ने उसे एक फल दे देता है लोमड़ी खुश हो जाती है परंतु उसके मन में एक लालच आ जाता है कि मैं और यदि इस प्रकार उछलते रहूंगी तो शायद और आम मिल सकते हैं।
उसके बाद लोमड़ी वापस जोर से छलांग लगा जाती है छलांग लगाने पर लोमड़ी नीचे गिर जाती है और उसके कमर में लग जाती है लोमड़ी परेशान होकर वहां से निकल जाती है।
शिक्षा: लालच बुरी बला है कभी भी लालच नहीं करना चाहिए जितना मिले उतने में संतुष्ट होना चाहिए
14. जादुई कुआं की कहानी : (Short Animal Stories in Hindi)
एक समय की बात है एक गांव में एक परिवार रहता था उस परिवार में मोहन और उसकी पत्नी रहा करती थी वह काफी गरीब थे मोहन एक लकड़हारा था जो जंगल से लकड़ियां काट कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था।
1 दिन कम लकड़ी लाने के कारण उसकी पत्नी उसे और लकड़िया लाने को कहा और मोहन घने जंगल की ओर चला गया जहां से वह अच्छी और ज्यादा लकड़ियां ला सके।
मोहन जब एक पेड़ से लकड़ी काट रहा था तो उसके नीचे एक कुआं दिखाई पड़ता था उस पेड़ की टहनी मोहन का वजन सह नहीं पाने के कारण मोहन उस कुए के अंदर गिर जाता है और काफी डर जाता है।
कुएं से एक आवाज आती है वह बोलता है कि तुम परेशान मत हो तब मोहन बोलता है कि मेरी जान यहां फंसी हुई है और आप बोल रहे हो कि परेशान मत हो तब वह बोलता है कि मैं आप मैं एक जादुई कुआं हूं मैं आपको वरदान देता हूं कि आप को कुछ जादुई टमाटर देता हूं।
जब इसे आप खाओगे तो एक से दो हो जाओगे उसके बाद मोहन वहां से निकलकर अपने घर आ जाता है अपनी wife को पूरी बात बताता है। जब भी मोहन को किसी प्रकार की जरूरत पड़ती है तो वह उस जादू टमाटर खाकर एक से दो होकर अपना पूरा काम कर लेता है।
कुछ दिन बाद मोहन गरीब से अमीर बन जाता है गांव का एक सेठ था जो धनीराम वह सोचने लगा कि इसके पास ऐसा क्या हाथ लग गया जो भी कुछ दिनों में मेरे से धनवान हो गया।
1 दिन जब हुआ मोहन टमाटर लेने के जादू टमाटर लेने के लिए जंगल में जाता है तो वह उसके पीछे पीछे जाकर उसको पूरा राज देख लेता है और वह भी उसको ए के अंदर चला जाता है और जैसे टमाटर खाता है तो वैसे आवाज आती है पापी तू मोहन की अच्छाई और कमाई देखी नहीं कि जो तू यहां भी आ गया है।
अब इसका पाप भोगना पड़ेगा उसके बाद जैसे टमाटर खाता है अंदर कुए के अंदर जाने लगता है और उसके बाद जैसे ही मोहन को पता चलता है तो वह बाहर सेठ को बाहर निकाल लेता है इस प्रकार से मोहन ने सेट की जान बचाई इसके बाद मोहन अपनी पत्नी को सारी बात बताता है तब पत्नी बोलती है कि धन्यवाद ऊपर वाले का जो आप सही सलामत है।
शिक्षा: कभी भी दूसरे के काम को देख कर जलना नहीं चाहिए।
15. दो मेंढ़कों की कहानी : (Simple Short Motivation Stories in Hindi)
प्राचीन समय कि बात है एक जंगल में एक मेंढ़कों का दल रहता था उस दल में एक मेंढक था जो बहरा सुनाई पड़ता था। जब वह एक साथ पानी की तलाश में घूम रहे थे तो पास ही दो मेंढक गड्ढे में गिर जाते हैं।
गड्ढा इतना गहरा होता है कि उन से निकला नहीं जाता वह काफी परेशान होने लगते हैं एक मेंढक जो जो बहरा था वह भी उस गड्ढे में गिरा हुआ था बाकी के मेंढक बाहर से उन्हें बोलते हैं कि यह गड्ढा इतना गहरा है कि इस से निकलना काफी मुश्किल है अब इसका बचना मुश्किल है।
अब यह इसी के अंदर ही रहेंगे उसके बाद एक मेंढक जो उसे सुनाई देता वह उनकी सभी बातें सुन लेता है और वह बाहर आने की आशा छोड़ देता है उसे लगता है कि यदि मैं कोशिश भी करूंगा तो इस गड्ढे से बाहर निकल नहीं पाऊंगा और वह परेशान होकर अपना दम तोड़ देता है अर्थात वह मर जाता है।
दूसरा मेंढक जो बहरा था उसने किसी प्रकार की कोई बात नहीं सुनी वह निरंतर उस गड्ढे से बाहर निकलने के लिए छलांग लगाता रहा जब एक समय ऐसा आया तो उसने इतनी जबरदस्त छलांग लगाई कि वह गड्ढे से बाहर निकल गया।
उसे देखकर ठ सभी दोस्त देखकर हैरान होने लगे वह सोचने लगी कि यह कैसे हुआ इसलिए वह इसलिए हुआ क्योंकि वह मेंढक बहरा था जो किसी प्रकार की कोई बात नहीं सुन पाया और वह अपने विश्वास पर काबू रहा उसे पता था कि मैं इस खड्डे से बाहर निश्चित रूप से निकल पाऊंगा उसे अपने ऊपर विश्वास होने के कारण बस अड्डे से बाहर निकल जाता है।
शिक्षा: किसी के दूसरे में कहने में ना आए अपने ऊपर विश्वास रखें।
16. कामचोर गधा की कहानी : (Short Moral Stories in Hindi For Class 1)
एक समय की बात है एक गांव में एक व्यापारी था जो नमक का व्यापार करता था। वह गांव-गांव में नमक बेचकर अपना जैसे तैसे गुजारा करता था उसके पास एक गधा था जो काफी आलसी किसम का था।
गधा व्यापारि को काफी नुकसान पहुंचा तथा जब नदी से उस पार नमक लाना होता है तो उस समय कभी-कभी गधा नदी के बीच में बैठ जाता है जिससे उसका पूरा नमक पानी में मिलकर बह जाता था।
व्यापारी उस गधे से काफी परेशान हो चुका था पर सोचने लगा कि कुछ तो करना पड़ेगा जिससे इस को सबक मिल सके एक दिन व्यापारी गधे के ऊपर नमक के बदले ऊन के बोरे रख देता है।
और नदी पार करने के लिए निकलता है जब गधा नदी के बीच में आते ही बैठ जाता है वह सोचता है कि उसका वजन कम हो जाए लेकिन उस समय ऊन होने के कारण उन पानी को सोख लेती है और उसका भार काफी बढ़ जाता है।
जब वह गधा उठता है तो उसे उठा नहीं जाता वह व्यापारी उसका मालिक उसे जोर-जोर से डंडे से मारने लगता है गधा बहुत तेजी से चिल्लाता है परंतु व्यापारी उसे बार-बार मारता रहता है।
उसके बाद जब गधा मार खाने के बाद परेशान हो जाता है तो उसका मालिक उस उन को उतार कर उठा देता है और उसे पानी से बाहर निकाल लेता है अब अब गधे को समझ आ जाता है और वह दोबारा ऐसी गलती नहीं करता है उसके बाद व्यापारी अपना व्यापार अच्छे से चला पाता है।
शिक्षा: अपने काम के प्रति कभी कामचोर नहीं बनना चाहिए
17. घमंडी हाथी और चीटी की कहानी : (Short Moral Stories in Hindi For Class 2)
एक समय की बात है एक जंगल में एक हाथी रहता था जो काफी घमंडी था वह अपने छोटे जानवरों को काफी परेशान करता । आए दिन किसी न किसी को नुकसान पहुंचाता सभी जंगली जानवर उस घमंडी हाथी से काफी परेशान रहने लगे अन्य जंगली जानवर उस हाथी का कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
क्योंकि वह कद और शरीर में काफी विशाल होने के कारण उसे कोई हरा नहीं सकता एक दिन घमंडी हाथी एक चीटियों के दल पर चल जाता है और वहां जाकर अपनी सूंड में पानी पर के उनके ऊपर डाल देता है चीटियां काफी परेशान और दुखी हो जाती है।
उनके बनाए हुए घर भी पानी में खराब हो जाते हैं उसके बाद वह घमंडी हाथी और चीटी ओ को धमकी देता है कि मैं तुम्हें जान से मार दूंगा तुम्हें अपने पैर के नीचे मसल दूंगा चीटियां काफी दुखी और परेशान हो जाती है ।
क्योंकि उनका आकार हाथी के सामने काफी सूक्ष्म है कुछ है उसके बाद चीटियों ने एक फैसला लिया कि इस घमंडी हाथी को सबक सिखाना है।
जब वह हाथी एक पेड़ के नीचे सो रहा होता है तब काफी सारी चीटियां उसके सूंड के अंदर चले जाती है और उसे काटना शुरु कर देती है।
हाथी को बहुत ज्यादा पीड़ा होती है वह अपनी सून को पेड़ से बार-बार टकराता है परंतु उसे कुछ आराम नहीं मिलता है
उसके बाद चीटियां उस हाथी की सूंड के अंदर से बार बार काटती है हाथी समझ जाता है कि है मेरी गलती है जो मैंने इन को नुकसान पहुंचाया और उसका बदला ये ले रही है काफी कोशिश करने पर भी हाथी कुछ नहीं कर पाता है।
क्योंकि चीटियां बहुत ही सूक्ष्म छोटी है उसके बाद उस हाथी को अपनी गलती का एहसास होता है और उन चीटियां और जा बाकी की जंगली जानवरों से माफी मांगने लगता है और बोलता है कि आज के बाद मैं किसी को भी परेशान नहीं करूंगा।
हाथी को परेशान देखकर चीटियां उसे माफ कर देती है और बाहर निकल आती है
शिक्षा: कभी भी अपनी ताकत का इस्तेमाल अपने से छोटे पर नहीं करना चाहिए। ताकत का इस्तेमाल अपने से बराबर वालों के साथ आना चाहिए।
18. हाथी और दर्जी की कहानी : (Short Moral Stories in Hindi For Class 3)
प्राचीन समय की बात है एक गांव में एक दर्जी रहता था और पास ही एक जंगल रहता था जिसमें एक बूढ़ा हाथी रहता था हाथी बहुत ही दयालु किसम का था।
वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता था जब वह रोज गांव में आता तो सभी लोग उसे खाने के लिए कुछ न कुछ दे देते रोज की तरह हाथी दर्जी की दुकान पर जाता और दर्जी उसे कुछ खाने को दे देता ।
दर्जी उसे खाने देने के कारण बहुत परेशान होने हो जाता है और को सोचने लगता है कि इसका कुछ तो करना पड़ेगा जिससे यह मेरी दुकान पर दोबारा ना आ सके और दूसरे दिन जब वह आती उस दर्जी की दुकान पर आता है तो दर्जी उसे खाने के बदले उसकी सूंड में सूई चुबो देता है।
जो काफी नुकीली होने के कारण हाथी को काफी ज्यादा दर्द होता है वह काफी परेशान हो जाता है दर्जी को सबक सिखाने के लिए हाथी कुछ दिमाग लगाता है ।
वह तालाब के किनारे जाकर अपनी सूंड में गंदा पानी अकेले आता है जब दर्जी अपनी दुकान पर बैठा रहता है तो हाथी अपनी सूंड में भरा गंदा पानी उसकी दुकान पर छोड़ देता है।
जिससे उस दर्जी के सभी कपड़े खराब हो जाते हैं दर्जी काफी दुखी होता है और वह समझ जाता है उसके बाद दर्जी उस हाथी से माफी मांगता है और हाथी वापस अपनी जंगल की ओर चला जाता है।
शिक्षा: किसी के साथ में बुरा नहीं करना चाहिए। क्योंकि वह लौटकर उसी के पास ही आता है।
19: भेड़िया की कहानी : (Short Moral Stories in Hindi For Class 4)
प्राचीन समय की बात है एक गांव में एक लड़का था और काफी बदमाश और झूठा लड़का था वह जंगल में भेड़ चराने जाता था।
एक दिन जब वह जंगल में भेड़ चरा आ रहा होता है और उसके आसपास के गांव वाले भी उस वह भी भेड़ चरा रहे होते हैं तो वह लड़का बाकी भेड़ चराने वाले को बुलाने के लिए जोर जोर से आवाज लगाने लगता है।
“भेड़िया आया भेड़िया आया” कोई मेरी बाटो को बचाओ, सभी लोग उसकी आवाज सुनकर भागते हुए उसके पास जाते हैं और वहां देखते हैं कि भेड़ अच्छे से चर रही होती है।
वहां पर किसी प्रकार का कोई भेड़िया नहीं था गांव वाले उसे कुछ बात बोल कर वापस आ जाते हैं दूसरे दिन फिर ऐसा ही हुआ आवाज लगाकर बोलने लगा ,
भेड़िया आया भेड़िया आया तब सभी गांव वाले उसकी आवाज सुनकर उसके पास चले जाते हैं ।
लेकिन फिर भी वही हुआ और वहां पर कोई भेड़िया नहीं था गांव वाली बोलने लगी कि तुम झूठ क्यों बोल रहे हो हमें बार-बार परेशान कर रहे हैं।
हम अपना काम छोड़कर तुम्हारे पास तुम्हारी भेड़ बचाने के लिए आते हैं ताकि तुम्हारा कोई नुकसान ना हो सके और तुम झूठ बोलकर हमारा समय बर्बाद करते हो।
उसके बाद गांव वाले इतना कहकर वापस चला जाता है।
जब तीसरे दिन वह लड़का भेड़ चरा रा रहा होता है तो अचानक भेड़िया आ जाता है और उसकी भेड़ों को खाने लगता है तब वह जोर-जोर से चिल्लाने लगता है कि भेड़िया आया भेड़िया आया कोई मेरी भेड़ों को बचाओ।
उसकी मदद के लिए कोई नहीं आता है क्योंकि वह सभी जान चुके हैं कि वह झूठ बोल रहा है और वह अपने काम में व्यस्त रहते हैं।
उसके बाद उस लड़के की सभी भेड़ें वह भेड़िया खा कर निकल जाता है। लड़का काफी परेशान हो जाता है और वह सोचने लगता है कि मेरी इस झूठ की वजह से आज मेरी भेड़ों को भेड़िया खाकर चला गया और मैं कुछ नहीं कर पाया।
शिक्षा: इंसान को झूठ कभी नहीं बोलना चाहिए। क्योंकि झूठ बहुत ही कम समय के लिए होती है।
20. स्वार्थी लोमड़ी और सारस की कहानी : (Short Moral Stories in Hindi For Class 5)
प्राचीन समय की बात है एक जंगल में एक लोमड़ी रहती थी वह काफी स्वार्थी थी।
उसने एक दिन सारस से दोस्ती की और उसे शाम को खाने के लिए आमंत्रित कर दिया सारस काफी खुश हुआ।
क्योंकि उसे खाना काफी पसंद था जब शाम हुई तो सारस लोमड़ी के घर आता है और अपने लंबी चोंच से उस दरवाजे को टकटक आता है तब लोमड़ी दरवाजे को खोलकर सारस को अंदर ले आती है।
कुछ समय बात करने के बाद लोमड़ी सारस को खाने पर ले जाती है जब सारस खाने के लिए एक बर्तन में पहुंचती है तो सारस वह खाना नहीं खा सकता क्योंकि बर्तन काफी चौड़ाई होने के कारण सारस के मुंह में नहीं जा पाता।
उसे काफी गुस्सा आता है और वह परेशान भी होने लगता है तब सारस ने इस अपमान का बदला नहीं लेने के लिए व्यवहार से बात करते हुए लोमड़ी से बोलता है कि आज मैं आपके घर खाने पर आया हूं क्या आप कल शाम को मेरे घर पर खाने के लिए आ सकती हैं।
उसके बाद लोमड़ी जो काफी स्वार्थी थी उसने तुरंत ही हां कर ली दूसरे दिन जब लो स्वार्थी लोमड़ी सारस के घर जाती है तो सारस भी उसे अंदर बुला कर खाने के लिए ले जाता है और उससे लोमड़ी को खाने के लिए दे देता है परंतु लोमड़ी कहा नहीं पाती है।
क्योंकि जिस बर्तन में सारस खाता है उसी बर्तन में लोमड़ी को खाने के लिए दे देता है लेकिन लोमड़ी की गर्दन उस खाने तक नहीं पहुंच पाती है लोमड़ी को अपनी गलती का एहसास होता है और वह वहां से भूखी ही अपने घर पर आ जाती है। इस प्रकार से सारस ने अपना अपमान का बदला लिया।
शिक्षा: अपने ही स्वार्थ के बारे में नहीं सोचना चाहिए।
21. जादुई मटके की कहानी : (Short Moral Stories in Hindi For Class 6)
एक समय की बात है एक गांव में एक किसान रहता था। उसका नाम संतोष था। वह काफी गरीब परिवार से था। उसका एक छोटा सा खेत था जिसमें वह मेहनत करके कुछ फसल पैदावार करके अपना गुजारा करता था।
1 दिन जब वह उस खेत में मेहनत कर रहा होता है और पानी के लिए जमीन की खुदाई करता है तो जमीन के अंदर से एक बहुत बड़ा मटका निकल कर आता है।
संतोष उस मटके को देख कर हैरान हो जाता है उसे समझ नहीं आता है कि इतना बड़ा मटका आखिर किसका हो सकता है फिर उसने सोचा कि क्यों नहीं जब हमारे घर पर अधिक मेहमान आएंगे उस समय इस मटके में खाना बनाकर खिला सकते हैं।
उसके बाद उस मटके को निकालकर पेड़ के नीचे बैठ जाता है और उसके पास एक फल रहता है जो उस मटके में रख देता है और वह फिर से काम करने लग जाता है कुछ समय बाद देखता है कि उस मटके में एक नहीं बल्कि 100 फल हो जाते हैं।
संतोष समझ जाता है कि यह कोई साधारण मटका नहीं है यह एक जादुई मटका है और उसे घर ले आता है और अपनी मनचाहे चीजों को उस में डाल कर एक से 100 गुना बना लेता है।
कुछ समय बाद संतोष धीरे-धीरे अमीर हो जाता है उसके बाद उस अमिरी का पता एक सेट को चलता है जो काफी लालची था पीछे से चुपके से उसकी सभी तरकीब जान लेता है और रात को वह मटका चुरा कर अपने घर ले आता है घर आने के बाद मटका काफी बड़ा होता है पर देखना चाहता है कि इस मटकी में आखिर अंदर क्या है जिसे इतना कुछ निकलता है।
जैसे ही वह अंदर देखता है तो उसमें सेठ मटके में गिर जाता है उसके बाद जादुई मटका का काम शुरू कर देता है 1 सेठ से 100 सेठ बना देता है उसके बाद अपने घर को लेकर लड़ने लग जाते हैं एक दूसरे को मारने लग जाते हैं।
अधिक लड़ाई होने के कारण सभी एक दूसरे को मारकर खत्म हो जाते हैं दूसरे दिन जब संतोष को पता चलता है कि अपना मटका नहीं है वह सेठ की ओर जाता है तो उसे पता चला कि वहां काफी सेठ मर चुके हैं।
संतोष समझ जाता है और संतोष उस मटके को उठाकर नीचे गिरा देता है जिससे वह बिखर जाता है उसका जादू समाप्त हो जाता है
संतोष वह काफी ईमानदार और बिना किसी लालच पर उस मटके का यूज करता है लेकिन सेठ अपनी लालच के कारण अपनी जान गवा लेता है।
शिक्षा: लालच बुरी बला है।
22. बिल्ली और चूहे की कहानी : (Short Moral Stories in Hindi For Class 7)
एक समय की बात है एक गांव में एक पुराना घर था उस घर में एक बिल्ली और बहुत सारे चूहे रहते थे। बिल्ली बहुत ही लालची और घमंडी थी। वह चूहे को पकड़ कर खा जाती जैसे ही कोई चूहा दिखता उसे पकड़ कर अपना भोजन बना लेती।
चूहे काफी ज्यादा परेशान होने लगे शाम को सभी चूहों ने मिलकर एक फैसला लिया इस बिल्ली का कुछ तो करना होगा ताकि हमारी जान बच सके।
उसके बाद एक चूहे ने बोला कि उसे मार देते हैं लेकिन बिल्ली को मारना यह मुमकिन नहीं था उसके बाद एक चूहा बोलता है कि यदि बिल्ली के गले में घंटी बांधी जाए तो जैसे ही बिल्ली आती है तो हमें पता चल जाएगा और हम अपने अपने बिल में छुप कर अपनी जान बचा पाएंगे।
यह आइडिया सभी को अच्छा लगा लेकिन अब बात आती है की बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे गा। सभी लोग हैरान थे समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे तब एक चूहा एक प्लान बनाता है।
उन्होंने 1 घंटे पर रस्सी बांधी उसके बाद उसे बिल के थोड़ा दूर रख दिया जब बिल्ली ने उस चूहे को देखा तो बिल्ली उस चूहे के पीछे भागने लगी चूहा जाकर अपने बिल में छुप गया उस घंटी की रस्सी के अंदर होकर बिल में चला जाता है।
जैसे ही बिल्ली ने अपने भोजन खाने के लिए आगे बढ़ती है तो घंटी की डोर उसके गले में फंस जाती है इस प्रकार से चूहों ने मिलकर बिल्ली के गले में घंटी बांधी। उसके बाद जब बिल्ली उन चूहों के आसपास आती है तो उन चूहे को पता चल जाता है और वह भागकर अपने बिल में छिप जाते अपनी जान बचा लेते हैं।
शिक्षा: यदि किसी काम को प्लानिंग के साथ किया जाता है तो काम संभवत है हो ही जाता है।
23. चतुर लोमड़ी और कौआ की कहानी : (Short Moral Stories in Hindi For Class 8)
एक समय की बात है एक जंगल में एक लोमड़ी रहती थी। वह काफी चतुर थी, एक दिन वह जंगल में घूम रही थी । तब उसे एक पेड़ पर कोआ दिखाई देता है उसको कोए के मुंह में एक रोटी थी। चतुर लोमड़ी सोचने लगी कि आखिर यह रोटी मुझे कैसे मिले।
उसके बाद वह कौआ के पास चली जाती है और कौआ से बोलती हैं कि आप कितने अच्छे हो आपकी आवाज कितनी मधुर है जब भी आप गाना गाते हो तो मुझे काफी अच्छा लगता है ।
क्या आप मेरे लिए एक गाना गा सकते हो कौआ खुश हो जाता है और वह गाना गाने के लिए सहमत हो जाता है।
उसके बाद जैसे ही को गाना गाने के लिए अपनी सोच खोलता है तो उसकी चोंच से वह रोटी निकल कर नीचे गिर जाती है। उसके बाद लोमड़ी जल्दी से जाकर उस रोटी को उठाकर चले जाती है गोवा बहुत ही परेशान हो जाता है और वह दोबारा भोजन की तलाश में निकल जाता है।
शिक्षा: कभी भी किसी के कहने में नहीं आना चाहिए।
24. दो सारस और एक कछुआ की कहानी : (Short Moral Stories in Hindi For Class 9)
एक समय की बात है एक जंगल में दो सारस और एक कछुआ एक तालाब में रहते थे। काफी दिनों तक बारिश ना होने के कारण तालाब का पानी कम होने लग रहा था।
सारस और कछुआ काफी अच्छे दोस्त थे कछुआ इस बात से परेशान था कि यदि इस तालाब का पानी सूख गया तो मैं कहां जाऊंगा एक दिन इसी परेशानी को सोचकर कछुआ काफी उदास था। तब वह सारस कछुए से आकर बोलते हैं कि दोस्त क्या बात है आज आप इतने उदास क्यों दिखाई दे रहे हो।
तब उसके बाद कछुआ सारस को यह बात बताता है तब उन्हें भी इस बात का सोच हो जाता है और तब सारस बोलते हैं कि आप टेंशन ना लो हम उड़ कर किसी दूसरी जगह पानी देखकर रहने का इंतजाम करते हैं ।
उसके बाद दोनों सारस उड़कर जंगल के बाहर एक तालाब को देखते हैं वहां पर पानी की कोई कमी नहीं रहती है और वह वापस उस कछुए के पास आ जाते हैं। जब तालाब का पानी काफी कम हो जाता है तो उसके बाद दोनों सारस एक पेड़ कि टहनी को तोड़कर दोनों सारे अलग-अलग मुंह से पकड़कर बीच में कछुए के मुंह से पकड़ा कर वह उड़ान भर लेते हैं और दूसरे तालाब में जाकर रहने लगते हैं।
उसके बाद वह तीनों दोस्त खुशी-खुशी अपना जीवन यापन उस तालाब में करते हैं।
शिक्षा: सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुसीबत में एक दूसरे का साथ दें।
25. दो बिल्लियों में रोटी का बंटवारा की कहानी : (Short Moral Stories in Hindi For Class 10)
एक समय की बात है एक जंगल में दो बिल्लियां करती थी। वह दोनों काफी अच्छी दोस्त थी एक दिन पास के गांव से एक रोटी का टुकड़ा लेकर जंगल में आ जाती है उसके बाद वह उस रोटी के टुकड़े को बराबर बांटकर खाना चाहती हैं।
उसके बाद उन दोनों में धीरे-धीरे झगड़ा होने लगता है तभी पास ही पेड़ पर एक बंदर उन दोनों बिल्लियों को झगड़ा हुआ देखता है। बंदर काफी चतुर था। वह नीचे उतर कर उन बिल्लियों को बोलता है कि आप क्यों लड़ रहे हो।
उसके बाद बिल्लियों ने उस बंदर को पूरी बात बताई बंदर बोलने लगता है कि बस इतनी सी बात इसका फैसला तो मैं अभी कर देता हूं।
बंदर एक तराजू लेकर आता है और उस रोटी के दो टुकड़े कर देता है दोनों तराजू के पलकों में एक एक रोटी का टुकड़ा डाल देता है। लेकिन बंदर काफी चतुर था वह पहले से ही उन टुकड़ों को छोटा बड़ा करके तोड़ता। जब वह तराजू में तोल था जिस तरफ ज्यादा टुकड़ा दिखाई देता वह उस टुकड़े में से रोटी तोड़ कर खा जाता।
ऐसे बारी-बारी करते वह उस रोटी को पूरा ही खा जाता है। उसके बाद वह वापस अपने पेड़ पर चला जाता है बिल्लियां यह देखकर काफी परेशान हो जाती है और वह अपने अपने घर चले जाती है
शिक्षा : स्वयं का काम स्वयं करें।
26. बंदर और टोपीवाले की कहानी : (Panchatantra Story in Hindi)
एक समय की बात है एक गांव में एक टोपी वाला रहता था वह टोपी बेच कर अपना गुजारा करता था। एक दिन वह गांव से टोपिया बेचकर आ रहा था वह काफी परेशान होने के कारण रास्ते में एक पेड़ के नीचे आराम करने लग जाता है।
उस पेड़ के ऊपर काफी सारे बंदर बैठे होते हैं जो काफी शरारती थे। वह इंसान उस पेड़ के नीचे आराम करने लग जाता है जैसे ही आराम करता है उसके आंखें लग जाती है उसके बाद वह सभी बंदर नीचे उतर कर उसके बैग से सभी टोपिया निकालकर पेड़ पर चले जाते हैं।
जब उस टोपी वाले की नींद खुलती है और वह देखता है कि उसके बैग में टोपिया नहीं थी उसने ऊपर देखा तो सभी बंधुओं के पास टोपिया दिखाई दी वह काफी परेशान हो जाता है और फिर योजना बनाता है कि आखिर इन टोपियों को वापस कैसे लाया जाए।
उसके बाद टोपी वाले के पास एक टोपी थी जो वह स्वयं पहन रखा था उस टोपी को उतारकर नीचे फेंकता है उसके बाद वापस पहन लेता है। बंदर उस टोपी वाले को देख कर करने के लिए सोचते हैं दोबारा टोपी वाले ने अपनी टोपी को जैसे जमीन पर फेंकता है तो उसके बाद सभी बंदर अपनी अपनी टोपी उतार कर नीचे फेंक देता है।
टोपीवाला अपनी सभी टोपियों को एकत्रित करके अपने बैग में रख कर अपने घर चला जाता है।
शिक्षा: समय और सिचुएशन को देखकर प्लानिंग करना काफी अच्छा रहता है।
27. झूठे बंदर की कहानी : (Panchatantra Stories in Hindi)
एक समय की बात है एक जंगल में एक बंदर रहा करता था वह काफी झूठ बोलता था। वह बाकी जंगली जानवरों से काफी डिगें मारता था।
एक दिन एक हीरन से मिल जाता है और हिरन को बोलता है कि मैं जंगल से बाहर जाकर काफी अच्छे अच्छे भोजन पकवान खा कर आता हूं इसके अलावा लोग मुझे काफी अच्छे अच्छे फल भी देते हैं।
उसके बाद वह हाथी से मिलता है हाथी को बोलता है कि मेरे पास काफी खजाना है जिससे मैं यह जंगल खरीद सकता हूं ऐसे करके वह सभी जानवरों को झूठ के ऊपर झूठ बोलने लगता है।
तब एक हाथी ने बंदर को सबक सिखाने के लिए अर्थात् बंदर की झूठ को छुड़वाने के लिए एक उपाय निकालता है वह एक खरगोश को बंदर के पास भेजता है तब बंदर खरगोश को बोलता है कि मेरे पास खाने के लिए बहुत है मैं तुमसे ज्यादा अच्छे-अच्छे पकवान खाता हूं।
लोग मुझे चाहते हैं खरगोश उन सभी बातों को ध्यान से सुन लेता है और बोलता है कि ठीक है यदि तुम्हारे पास खाने के लिए अच्छे-अच्छे पकवान और भोजन है तो तुम्हें निमंत्रण की क्या आवश्यकता है।
मैं यह निमंत्रण किसी और को ही दे देता हूं वह सभी बातें हाथी सुन रहा होता है और वह खरगोश को बोलता है कि ठीक है तुम वापस आ जाओ उसके बाद बंदर बोलता है कि मेरे पास कुछ नहीं है मेरे पास खाने के लिए कुछ नहीं है मैं जैसे तैसे करके अपना पेट भरता हूं उसके बाद हाथी बोलता है कि तुमने मौका गवा दिया।
मैंने आप को मौका दिया था ताकि तुम्हें इस प्रकार का खाना मिल सके। लेकिन तुमने झूठ बोलकर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। बंदर काफी उदास हो जाता है और बोलता है कि आज के बाद में किसी को भी झूठ नहीं बोलूंगा और किसी को भी परेशान नहीं करूंगा।
शिक्षा: झूठ कभी नहीं बोलनी चाहिए पता नहीं कौन किस वक्त कहां से सुन रहा हो।
28. एक घमंडी ईगल की कहानी : (Panchatantra Stories)
एक समय की बात है एक पर्वत शिखर के ऊपर एक ईगल रहा करते था। वह काफी कमंडी और अपने आप को अच्छा मानते थे वह पाकी जानवरों पशु पक्षियों को अपने से नीचा समझकर उनसे बात नहीं करते थे।
उसके दो बच्चे थे वह उन बच्चों को बोलती थी कि हम सबसे अच्छे और काबिल है बाकी सभी गंदे और बुरे हैं उसी पर्वत शिखर पर रोज एक महात्मा अपनी तपस्या करना आता था।
रोज वह उस ईगल को भोजन लेकर धरती से ऊपर की ओर जाते देखता था एक दिन वह एक ईगल को बुलाता है और बोलता है की क्या तुम मेरे से दोस्ती करोगी।
ईगल बोलती है कि तुम इतने गंदे हो कि मैं तुम्हें दोस्त नहीं बना सकती उसके बाद जब दूसरे दिन एक गर्ल अपने बच्चों के भोजन के लिए जमीन पर चले जाती है तो उसके बाद पीछे से महात्मा उसके बच्चों को कुछ फल खिलाता है।
क्योंकि उन्हें काफी भूख लग रही थी जब इगल वापस आती है तो उसे फल खाते हुए देखकर वह काफी गुस्सा हो जाती है और बोलती है कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई कि तुमने मेरे बच्चों को फल देने कि।
उसके बाद महात्मा बोलता है कि इन्हें काफी भूख लग रही थी जिसके कारण मैंने उन्हें फल खाने को दिया उसके बाद महात्मा बोलता है ईगल तुम इतनी इतनी घमंडी क्यों हो तुम अपने आप को सबसे उच्च मानते हो। लेकिन तुम्हें भोजन के लिए तो नीचे ही जाना पड़ता है।
कोई भी इंसान क्यों ना हो अपनी दिनचर्या और अपने जीवन यापन करने के लिए धरती से ही जुड़ी वस्तुओं का सेवन करके अपना जीवन यापन करते हैं फिर तुम बड़ी कैसे हुई।
ईगल समझ जाती है और उसने महात्मा से माफी मांग कर दोस्ती करने लग जाते है।
शिक्षा: कभी भी अपने आप पर घमंड नहीं करना चाहिए।
29. समझदार मुर्गी की कहानी : (Small Panchatantra Stories in Hindi)
एक समय की बात है एक गांव में एक मुर्गी रहा करती थी उसका अपना ही एक घर था उसके दो बच्चे थे चिंकी और पिंकू एक दिन मुर्गी ने मिठाई बनाने का फैसला किया।
दोनों बच्चे काफी खुश हो जाते हैं तब उसकी अम्मा बोलती है कि मैं बाजार से जाकर सामान ले आती हूं ताकि हम अच्छी सी मिठाई बना कर खा सके । उसके बाद चिंकी बोलती है कि ठीक है मां आप मार्केट जा कर सामान ले आए। तब पीकू बोलता है की मां मैं भी आपके साथ चलूंगा।
उसके बाद उस मुर्गी के साथ पीकू मार्केट में चला जाता है कुछ देर बाद वह सामान लेकर वापस आ जाते हैं पीकू अपनी मां के साथ कुछ भारी बैग लेकर आता है और बाकी उसके मां लेकर आती है। वह दोनों सामान लाकर अंदर रख देते हैं।
उसके बाद चिंकी एक बिस्तर में सोती हुई बोलती है कि मैं कितना टाइम लगेगा जल्दी करो। उसकी मां बोलती है कि कहां जल्दी कर रहे हैं तब पीकू बोलता है कि मां मैं आपकी मदद करता हूं जिससे मिठाई जल्दी ही बन जाए कुछ समय बाद पीकू और उसकी मां ने मिलकर एक अच्छी सी मिठाई तैयार कर ली।
जैसे ही चिंकी को पता चलता है कि मिठाई तैयार हो चुकी है तो वह खाने के लिए आ जाती है उसके बाद उसकी मां ने चिंकी को एक टुकड़ा दे देती है और पीकू को चार टुकड़े देती है तब चिंकी बोलती है कि मां मेरे को इतनी कम मिठाई क्यों दी।
तब उसके मां बोलती है कि जो काम करता है उसे तो उसका ईनाम मिलनी ही चाहिए तब चिंकी समझ जाती है कि यदि मैं भी अपनी मां की मदद करती तो शायद मुझे भी और मिठाई मिल सकती।
शिक्षा: मेहनत का फल तो मिलना ही चाहिए।
30. घमंडी मुर्गा की कहानी : (Small Short Stories With Moral Values in Hindi)
एक समय की बात है एक गांव में एक पोटरी फार्म था जिसमें काफी मुर्गियां और एक मुर्गा था जो काफी सुंदर था और उसके रंग बिरंगे पंख थे उसका मालिक भी उस मुर्गे को काफी चाहता था।
एक दिन सभी मुर्गियों को खेलने की इच्छा हुई और वह उस मुर्गे के पास चली जाती है और बोलती है कि क्या तुम मेरे साथ खेल सकते हो उसके बाद मुर्गे ने बोला कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई कि मैं तुम्हारे साथ खेल सकूं मैं इतना खूबसूरत और रंग बिरंगे पंखों वाला मैं तुम्हारे साथ नहीं कैसे खेल सकता तुम मेरे बराबर कि नहीं हो।
उसके बाद मुर्गियां उदास होकर वापस चली आती है एक दिन जब रात के समय एक चोर मुर्गी फार्म में आ जाता है और वह देखता है कि चारों तरफ मुर्गियां ही मुर्गियां वह सोचता है कि इन मुर्गियों को पकड़कर किसी कसाई को बेच दूंगा।
जिससे मुझे काफी अच्छे पैसे मिलेंगे तब वह सोचने लगता है कि आखिर में किसे लेकर जाऊं उसके बाद उसे एक उसे वह मुर्गा दिखाई देता है जो काफी अलग था। वह काफी सुंदर और रंग-बिरंगे वाला पंख थे। वह सोचता है कि यदि मैं इस मुर्गे को लेकर जाऊंगा तो मुझे और भी ज्यादा अच्छे पैसे मिलेंगे।
उसके बाद उस मुर्गे को पकड़ कर ले जाता है और मार्केट में बेचकर अच्छे दाम प्राप्त कर लेता है तब मुर्गियां सोचती है कि आज हम अपने कलर और सुंदर न दिखने के कारण बच गए नहीं तो आज हमारी भी बली चढ़ सकती थी।
शिक्षा : अच्छा दिखना बुरी बात नहीं है लेकिन सबसे अलग दिखना कभी-कभी नुकसानदायक हो सकता है।
31. सुनहरी मछली की कहानी : (Short Stories in Hindi With Moral Values)
एक समय की बात है एक गांव में एक अमीर घर का लड़का था। उसके पास एक सुनहरी मछली थी। वह लड़का उस मसले को काफी चाहता था उसके लिए अच्छा अच्छा खाना और रहने के लिए अच्छा टैंक बनवाया।
लेकिन वह मछली आजाद रहना चाहती थी एक दिन उस मछली के पास एक चूहा आ जाता है और बोलता है कि बाहर की जिंदगी काफी खूबसूरत है तुम यहां पर कुछ नहीं देखती यहां तुम परेशान रहती हो क्या तुम मेरे साथ बाहर घूमने चलोगे।
वहां पर अच्छा अच्छा खाना रहना खेलना कूदना सब कुछ होता है उसके बाद सुनहरी मछली उससे की बात से सहमत हो जाती है तब चूहा बोलता है कि जब तुम्हारी टैंक की सफाई की जाए उस समय तुम्हें दूसरे बैंक में डाल दिया जाता है तुम उस टैंक से कूदकर खिड़की से बाहर चले आना मैं तुम्हें गार्डन में मिल जाऊंगा।
उसके बाद दूसरे दिन वह लड़का उस सुनहरी मछली के टाइम को साफ करने के लिए जाता है। जब उस सुनहरी मछली को दूसरे टैंक में डालता है तो वह मछली उछलकर खिड़की से बाहर चली जाती है।
जब उस मछली को पानी नहीं मिलता है तो वह परेशान होने लग जाती है उसकी सांसे थम में लग जाती है क्योंकि पानी के बिना उनका जीवन नहीं है उसके बाद चूहा कहने लगता है कि इसके बारे में मैंने कभी सोचा ही नहीं तब। उस लड़के का ध्यान उस मछली की ओर चल जाता है और उसे ला कर वापस पानी में डाल देता है
शिक्षा: कभी-कभी दूसरों के द्वारा कही गई बात सही होती है परंतु उस पर सोच विचार कर फैसला लिया जाना चाहिए।
32. सांप की चमड़ी की कहानी : (Best Moral Stories in Hindi)
एक समय की बात है एक जंगल में एक सांप रहा करता था उसका एक बच्चा था जिसका नाम रूबी था। रूबी बहुत ही छोटा था लेकिन काफी शरारती था । वह अपने दोस्तों के साथ खेलना ज्यादा पसंद करता था । समय के अनुसार वह धीरे-धीरे बड़ा होने लगा 1 दिन रूबी अपने पापा को आकर बोलता है कि पापा मेरे शरीर में काफी खुजली हो रही है तब उसके पापा ने कहा कि तुम अपने शरीर का ठीक से ख्याल तो रखते हो ना।
तब रूबी बोलता है कि हां पापा मैं अपने अपने शरीर का बिल्कुल ठीक से ख्याल रखता हूं उसके बाद वह बोलता है कि अपने आप ठीक हो जाएगी।
दूसरे दिन उससे और ज्यादा खुजली होने लगती है तब वह अपने पापा को आकर वापस बोलता है तो फिर उसका पापा उसे उसी तरह बोलकर खेलने के लिए भेज देता है लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ और वह चिल्लाते हुए अपने पापा के पास आया और बोला।
कि पापा पापा मेरे शरीर में पता नहीं क्या हो रहा है।
जिससे मैं काफी ज्यादा खुजली से परेशान हूं और मेरी गर्दन में पता नहीं क्या हो रहा है आप एक बार देखो तब। उसका पापा रूबी की गर्दन को देखकर समझ जाता है कि इसकी अभी नई चमड़ी आने वाली है ।
उसके बाद वह सामने एक चट्टान को देखता है और रूबी को उस चट्टान पर जाकर आप अपनी गर्दन को रगड़ो। तब रूबी भी बोलता है कि इससे क्या होगा तब उसका पापा बोलता है कि जो मैंने बोला है वह पहले करो उसके बाद रूबी जाकर चट्टान को रगड़ने लगता है।
जब रूबी चट्टान को रगड़ता है तो उसकी पुरानी चमड़ी उतर जाते हैं और उसकी एक नई चमड़ी आ जाती है वह काफी खुश हो जाता है और उसके पापा को जाकर बोलता है कि पापा मैं कितना अच्छा और चमकीला लग रहा हूं और मेरी खुजली भी अभी नहीं रही।
तब उसका पापा बोलता है कि जब हमारी उम्र बढ़ने लगती है तो यह एक परिवर्तन होता है यह सभी के साथ होता है।
शिक्षा: परिवर्तन से होने वाली परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि संघर्ष हमेशा अच्छाई कुछ नया लेकर आता है
33. दो चूहों की कहानी : (Easy Story in Hindi)
प्राचीन समय की बात है एक गांव में दो चूहे रहा करते थे । वह दोनों एक दूसरे काफी अच्छे दोस्त थे लेकिन उनमें से एक जो शहर रहने के लिए चला जाता है और दूसरा जो गांव में रहना पसंद करता है।
काफी समय बाद शहर वाला चूहा अपने दोस्त गांव वाले चूहे के पास जाने के लिए सोचता है और वह अपनी पैकिंग कर के गांव वाले चूहे से मिलने चला जाता है जब वह उस चूहे को देखता है तो वह गांव वाला चूहा आश्चर्यचकित रह जाता है।
क्योंकि उससे मिलने उसका दोस्त शहर से आया है । अब गांव वाला चूहा उसे अंदर आने के लिए बोलता है और शहर वाला चूहा उसकी मजाक उड़ाने के लिए बोलता है कि तुम्हारे यहां पर कितनी खराब सड़कें हैं जिस पर गाड़ियां भी नहीं चल सकती। तुम्हारे घर कितना छोटा है ।
उसके बाद गांव वाला चूहा उसे खाने के लिए बुलाता है। खाना देखकर शहर वाला चूहा बोलता है कि इतना घटिया खाना तो मैंने आज तक नहीं खाया हमारे साथ चलो शहर में इससे काफी अच्छा खाना खाने को मिलेगा ।
लेकिन वह चूहा मना कर देता है परंतु कुछ समय बाद शहर वाली चूहा उसे समझाने के बाद गांव वाला चूहा जाने के लिए तैयार हो जाता है।
जब वह दोनों शहर में चले जाते हैं और शेर वाला चूहा अपने गांव वाले चूहे को अपने घर ले जाता है जब गांव वाला चूहा उसके घर को देखकर बोलता है कि इतना बड़ा घर तो शहर वाला चूहा बोलता है कि यह मेरा घर नहीं है मैं इस घर में रहता हूं।
उसके बाद वह दोनों घर के अंदर चले जाते हैं तब शहर वाला चूहा उसे भोजन के लिए बोलता है तो घर में लगी डाइनिंग टेबल पर अच्छा अच्छा खाना खाने के लिए चले जाते हैं जब वह खाना खाने शुरू करते हैं तो सामने एक काटने वाला कुत्ता आ जाता है जो उस घर का वफादार था।
जैसे ही उन चूहों को देखता है तो उनकी और खाने के लिए भागता है दोनों सुबह जान बचाकर भागने लग जाते हैं और अपने बिल में छुप जाते हैं उसके बाद शहर वाला चूहा बोलता है कैसा लगा खाना। तब गांव वाला चूहा काफी डरा हुआ था वह बोलने लगा कि इससे बदले मेरा गांव वाला खाना काफी अच्छा है कम से कम वहां पर जान खतरे में तो नहीं होती है। और वह वापस अपने गांव आ जाता है।
शिक्षा: अलग-अलग व्यक्तियों का रहने का तरीका अलग अलग होता है जिस प्रकार दोनों चूहों का था।
34. कांटों भरा गुलाब की कहानी : (Panchatantra Short Stories in Hindi With Moral)
एक समय की बात है एक बगीचे में एक गुलाब का पेड़ लगा हुआ था। उस पर काफी फूल आते थे परंतु उसके काफी अधिक कांटे होने की वजह से उस पर उसे कोई तोड़ नहीं पाता था। उन गुलाब के फूलों में से एक गुलाब का फूल ऐसा था जिसे कांटे पसंद नहीं थे।
वह कांटे से काफी ज्यादा परेशान रहता था एक दिन वह सोचने लगा कि मैं इन कांटो को कैसे हटा सकु जब ही पास से एक तितली गुजर रही थी तो वह उस तितली को बुलाता है और बोलता है कि क्या तुम मेरी मदद कर सकोगे तब तितली बोलती है हां बोलिए मैं आपकी किस प्रकार की मदद कर सकती हूं।
तब वह गुलाब का फूल बोलता है कि क्या तुम मेरे इस कांटो को मेरे शरीर से हटा सकती हो तब वह तितली बोलती है कि मैं इस प्रकार का काम नहीं कर सकती परंतु मैं एक ऐसे शख्स को जानती हूं जो आपकी मदद कर सकता है।
कुछ देर बाद वह एक चूहे को लेकर आ जाती है और उसके उस गुलाब के कांटों को साफ करने के लिए बोलती है तब वह चूहा उस गुलाब पर लगे सभी कांटों को साफ कर देता है और वहां से चला जाता है कुछ समय बाद गार्डन में टहलने के लिए लोग आते हैं।
उन लोगों को वह गुलाब के फूल काफी अच्छे लगते हैं तभी एक बच्चे की नजर उस बिना कांटे वाले गुलाब के फूल पर चले जाती है और वह बच्चा उस गुलाब के फूल को तोड़ लेता है जिससे उस गुलाब के फूल को काफी ज्यादा परेशानी होती है वह सोचता है कि यदि मैं अपने शरीर के कांटे नहीं हटाता तो शायद आज मैं भी इनके साथ रहता।
शिक्षा: प्रकृति से कभी छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए वह अपने आप में एक रक्षा कवच होता है।
35. डरपोक बैल की कहानी : (Famous Hindi Short Stories)
एक समय की बात है एक जंगल में एक हिरन अपने बच्चे के साथ रहा करता था वहीं हिरण अपने बच्चों से काफी प्यार करता था और उनके साथ रहकर काफी अच्छा महसूस करके अपनी जिंदगी जी रहा था।
एक दिन हिरण बीमार हो जाता है उसे अपने बच्चों की टेंशन लग जाती है वह जंगल में किसी को नहीं जानता परंतु वह एक बैल को जानता था उसने सोचा कि मैं अपने दोस्त बैल को अपना बच्चा देकर सुरक्षित रख सकती हूं क्योंकि मुझे लगता है कि अब मैं जी नहीं पा सकती।
उसके बाद हिरण और उसका बच्चा बेल के पास चले जाते हैं जाने के बाद वह बोलता है कि क्या तुम मेरे बच्चे का ख्याल रख सकोगे तब बेल बोलता है कि ठीक है हां मैं आपके बच्चे का ख्याल रख सकता हूं तभी हिरन बोलता है कि आप इस जंगल में और किसी को नहीं जानता हूं केवल आपको ही जानता हूं और आपसे विश्वास भी करती हूं ।
क्योंकि आप बहादुर और निडर हो उसके बाद अपने बच्चे को उस बेल के पास छोड़कर वहां से निकल जाती है तब एक खरगोश आता है और उस हिरण के बच्चे को बोलता है क्या मैं तुम्हारा दोस्त बन सकता हूं तब वह बैल बोलता है कि क्या तुम अपने नीचे और छोटे जानवर से दोस्ती करना पसंद करते हो तब वह खरगोश बोलता है कि मैं इसका अच्छा दोस्त हूं।
उसके बाद हिरण का बच्चा और बैल और खरगोश दोनों एक साथ रहने लगते हैं एक समय जब वह जंगल में अपने भोजन के लिए जा रहे होते हैं उसके सामने एक शेर आ जाता है बेल का पेड़ जाता है और वह उस हिरण के बच्चे को बोलता है कि तुम अपना ध्यान रखना और वहां से भाग जाता है ।
उसके बाद हिरण का बच्चा और खरगोश रह जाते हैं खरगोश ने अपनी जान और अपने दोस्त की जान बचाने के लिए एक तरकीब निकालता है वह शेर को सुनाते हुए बोलता है कि दोस्त हिरण तुम टेंशन मत लो तुम्हारे परिवार वाले हिरणों का झुंड उस पीछे चट्टान के पीछे हैं।
तब शेर इस बात को सुन लेता है और सोचने लगता है कि मैं इस कमजोर हिरण को खा कर क्या हासिल कर लूंगा यदि मैं उस हिरन के झुंड पर जाऊंगा तो मुझे काफी अच्छा खाना मिलेगा मेरे तो आज दावत ही हो जाएगी। उसके बाद शेर वहां से चला जाता है और हिरण का बच्चा और खरगोश अपनी जान बचा लेते हैं।
शिक्षा: शक्तिशाली हो नाई महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि अच्छा दिमाग होना काफी अच्छा है।
36. भेड़िया और शेर की कहानी : (Short Story Hindi Mein)
एक समय की बात है एक जंगल में शेर रहा करता था और उसी जंगल में एक भेड़ियों का झुंड रहा करता था
भेड़ियों की अपनी एक गुफा थी जिसमें काफी खुश रहते थे एक दिन शेर उस गुफा के पास से निकल रहा था तब उन्हें एक वीडियो के बच्चों की आवाज सुनाई दी वह बोलता है कि आज तो खाने में मजा ही आ जाएगा ।
लेकिन आज मैंने भरपेट के खाना खा लिया कल जब मैं शिकार के लिए निकलूंगा तो सबसे पहले यहीं आकर भोजन करूंगा उसके बाद शेर अपनी गुफा में चल जाता है वह बात पीछे से एक भेड़िया सुन लेता है और उस गुफा में रहने वाले सभी दोस्तों को इस बारे में बता देता है ।
उन भेड़ियों ने भागकर जान बचाने के बदले डटकर मुकाबला करने का फैसला किया जब दूसरे दिन शेर उनकी गुफा के तरफ आता है तो सभी भेड़िये उस गुफा से बाहर निकल कर आ जाते हैं जब शेर शिकार के लिए आगे बढ़ता है तो सभी भेड़िए मिलकर उस शहर पर हमला कर देते हैं ।
शेर उन भेड़ियों को हरा नहीं पाता है और वहां से अपनी जान बचाकर भागने की सोचता है और आखिर में ऐसा ही हुआ वह शेर अपनी जान बचा कर भाग जाता है और फिर उस गुफा की तरफ दोबारा नहीं आता है इस प्रकार से सभी भाइयों ने मिलकर अपनी जान भी बचाई।
शिक्षा: संगठन में शक्ति होती है।
37. खरगोश और शेर की कहानी : (Short Story On Shiksha in Hindi)
एक समय की बात है एक जंगल में एक शेर रहता था। वह शिकार करके खाना पसंद नहीं करता था वह सोचने लगा कि कोई ऐसी तरकीब लगाई जाए जिससे रोज खाना अपने आप मेरे पास आ जाए।
तब वह जंगल के सभी जानवरों को बुलाता है और बोलता है कि यदि तुम अपनी जान बचाना चाहते हो तो रोज एक एक करके मेरा भोजन बनो नहीं तो मैं तुम सभी को एक साथ मार दूंगा जंगल के जानवर सभी परेशान और डरने लगे उसके बाद डरते हुए शेर की बात से सहमत हो गए ।
रोज शेर के पास एक जानवर आता और शेर उसे खा कर संतुष्ट होकर वापस सो जाता एक दिन जब खरगोश की बारी आती है तो खरगोश शेर के पास चला जाता है और शेर बोलता है कि तुम इतने छोटे हो तुम से मेरा पेट कैसे भरेगा।
तब खरगोश चालाकी से बोलता है कि महाराज आप तो यहां पर आराम कर रहे हो शेर में कोई दूसरा महाराज आ गया है। और वह जंगली जानवरों को खाता है जिससे आपके पास लोग नहीं आ पा रहे हैं तबसे को गुस्सा आ जाता है और वह बोलता है कि कहां है उसके पास मेरे को लेकर चलो ।
तब वह खरगोश जंगल से जाते हुए एक कुए को देखता है और बोलता है कि महाराज इस कुएं के अंदर वह रहता है। जब शेर कुएं के अंदर देखता है, तो उस कुएं में उस कि परछाई दिखाई देती है वह समझ जाता है कि निश्चित ही यह कोई बहुत बड़ा शेर है ।
उसके बाद खरगोश उसके पास आकर खड़ा हो जाता है और बोलता है कि देखिए महाराज उसके पास शिकारी है जो अभी-अभी शिकार किया है तब शेर बोलता है कि आज मैं इसको छोडूंगा नहीं उसके बाद शेर उस कुएं में छलांग लगा लेता है और वह पानी के अंदर डूब जाता ता हैं। इस प्रकार से खरगोश ने अपनी समझदारी से अपनी और अपने सभी साथियों की जान बचा ली।
शिक्षा: समय आने पर अपनी बुद्धि का उपयोग जरूर करें।
38. एक किसान और उसके चार बेटे की कहानी : (hindi story for kids)
एक समय की बात है एक गांव में एक किसान रहता था उसके चार पुत्र थे। वह अपने चारों पुत्रों की शादी कर चुका था अब वह किसान काफी बूढ़ा होने लगा। लेकिन उसे एक परेशानी खाई जा रही थी।
उसके चारों बेटे आपस में लड़ते जगह रहते थे एक दिन अपने चारों बेटों को बुलाता है और पास ही एक गन्ने के बंडल को लाने के लिए बोलता है और अपने चारों पुत्रों को एक जगह खड़ा होने के लिए कहता है। उसके बाद वह अपने पुत्रों को एक-एक करके उन दिनों को तोड़ने के लिए बोलता है।
चारों पुत्र एक एक करके एक के गन्ने को तोड़ देते हैं उसके बाद किसान बोलता है कि तुम एक साथ इन सभी गानों के बंडल को तोड़ो जब उनके चारों पुत्र उस गन्ने के बंडल को तोड़ने की कोशिश करते हैं तो उस गन्ने के बंडल को तोड़ने में नाकामयाब रहते हैं ।
तब वह किसान बोलता है कि यदि तुम चारों अलग-अलग रहोगे और लगोगे तो कोई और दूसरा इंसान आपके भाईचारा और आपके परिवार को टुकड़ों में तोड़ सकता है। लेकिन यदि तुम चारों भाई एक साथ रहोगे तो कोई भी तुम्हें इन इस गन्ने के बंडल की तरह नहीं तोड़ सकते हैं। इसलिए जब मेरी मृत्यु हो जाती है तो उसके बाद भी आप चारों इसी तरह एकजुट रहकर अपने परिवार को सहयोग दें।
शिक्षा: संगठन में शक्ति होती है।
39. लोमड़ी और शेर की कहानी : (Hindi story writing)
एक समय की बात है एक जंगल में एक शेर और एक लोमड़ी रहती थी। लोमड़ी शहर की चापलूसी करती और शेर का बचा हुआ खाना खाती ।
एक दिन लोमड़ी जंगल में घूमने जाती है उसने एक गुफा के अंदर हिरण और हिरण के बच्चों को देखती है वह काफी खुश हो जाती है और बोलती है यदि मैं महाराज को इस बारे में बताती हूं तो मुझे काफी अच्छा खाने को मिलेगा और महाराज को भी काफी अच्छा खाने को मिलेगा ।
उसके बाद लोमड़ी शेर के पास आ जाती है और बोलती है कि महाराज मैंने एक गुफा देखिए जहां पर हिरण और हिरण के बच्चे रहते हैं यदि आप चलोगे तो काफी अच्छा खाना मिल सकता है।
जब लोमड़ी उस गुफा के पास आई थी उस समय पीछे से हिरण देख लेता है और वह सोचने लगता है कि जरूर लोमड़ी अपने महाराज को लेकर आएगी उससे पहले मेरे को कुछ सोचना पड़ेगा ।
उसके बाद जब लोमड़ी अपने महाराज शेर को लेकर उस गुफा के पास आती है तब शेर दो से दहाड़ मारता है तब हिरण उस गुफा के अंदर से एक जोरदार शेर की आवाज में बोलता है कि लोमड़ी तुम मेरे कहने अनुसार शेर को लेकर आई हो अब मैं तुम्हारे लिए काफी अच्छा भोजन दूंगा।
उसके बाद शेर समझ जाता है कि लोमड़ी ने शेर से मिलकर प्लानिंग की है मुझे मारने की। उसके बाद शेर वहां से दुम दबाकर भाग जाता है और लोमड़ी भी उसके साथ ही उस गुफा से चले जाती है इस प्रकार से हिरण ने अपने और अपने बच्चों की जान बचाई।
शिक्षा: परिस्थितियां आने पर जगह नहीं छोड़नी चाहिए जबकि परिस्थितियों का डटकर सामना करके उसे जड़ से उखाड़ देना चाहिए।
40. मेहनत का फल के कहानी : (Top 10 Moral stories in hindi)
एक समय की बात है एक गांव में एक किसान रहता था। वह काफी गरीब था उसके दो पुत्र थे लेकिन मैं बहुत ही कामचोर थे। उन्हें काम करना अच्छा नहीं लगता वह इधर-उधर घूम कर अपना समय व्यतीत करते थे।
किसान अपने दोनों पुत्रों से काफी परेशान था । एक दिन किसान बहुत ही ज्यादा बीमार हो जाता है और उसने लगता है की मैं कुछ ऐसा करना होगा जिससे मेरे दोनों पुत्र कामचोर ना रहे ।
उसके बाद वह अपने दोनों पुत्रों को बुलाता है और बोलता है कि बेटे अब मेरे जाने का समय आ गया और तुम अपनी जिंदगी सही से चलाना ताकि अपना भविष्य सुधार सकें।
इसके अलावा किसान बोलता है कि मैंने जो पूरी जिंदगी की कमाई है वह उस खेत के अंदर है चाहो तो तुम उस कमाई को अपने पास ला सकते हो।
उसके बाद उस किसान की मृत्यु हो जाती है किसान की मृत्यु हो जाने के कुछ दिनों बाद दोनों भाई अपने खेत पर चले जाते हैं और बोलते हैं कि इस कैप से हम वो खजाना निकालेंगे। जिस जो पिताजी ने बोला था और हम आधा आधा बांट लेंगे।
उसके बाद किसान के दोनों पुत्र खेत की खुदाई करने लग जाते हैं सारा खेत खोद देते हैं परंतु वहां पर किसी प्रकार का कोई खर्चा नहीं मिलता उसके बाद कुछ समय बाद बारिश हो जाती है और खेत में पानी भर जाता है।
एक भाई ने उस खेत में जाकर वैसे ही बीज फेंक देता है कुछ दिनों बाद वह भी ऊगकर एक बड़ी फसल में तैयार हो जाते हैं दोनों भाई मिलकर उस फसल को काटकर निकाल लेते हैं।
तब उनको समझ में आता है की पिताजी इस सोने की बात कर रहे थे, ना कि जमीन में रखें अंदर सोने की।
उसके बाद दोनों भाइयों को एहसास हो जाता है कि मेहनत के बिना कुछ फल नहीं मिलता मेहनत तो करना ही होगा।
शिक्षा: मेहनत का फल मीठा होता है जिस प्रकार दोनों भाइयों ने मेहनत की और उनकी मेहनत रंग लाई।
आज अपने क्या सीखा
इस लेख में हमने Short Story in Hindi के बारे में जानकारी दी गई है । आज के समय जिंदगी की भागदौड़ में हम अपने बच्चो को कुछ व्यवहारिक और प्रेणादायक जानकारी नहीं प्रदान करा पाते इस लिए हम यह लेख में काफी शार्ट हिंदी कहानियां दी है यदि आप अपने बच्चे को ये कहानी सिखाए है तो उनमे एक दुसरो के प्रति और समस्या का समाधान कर सके । इसके साथ ही ये काफी इंटरेस्टेड कहानिया यदि जो लोगो को काफी पसंद आई है ।
FAQ- Short Story in Hindi
क्या आपको Short Stories in Hindi पढ़ना पसंद है?
जी हाँ इन story की मदद से जीवन में जीने की राह और एक अच्छी प्रेणा मिलती है
क्यूँ आपको Short Stories in Hindi पढ़नी चाहिए?
यदि आप short stories पढ़कर अपने बच्चो की सुनते है तो उनमे एक नई प्रेणा मिलती है और साथ ही स्टोरी पड़ने के काफी आनंद आता है
और पढ़े : –
aapne kaphi acchi achi khaniya batai hai thanks
thank you
thank you so much
Nice story i like it
thanks